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मसूरी पहुंचे पेंम्पा छिरिंग ने किया तिब्बतन होम्स का निरीक्षण

भारत सरकार व भारत की जनता का तिब्बतन समाज को मिल रहा पूरा सहयोग: तिब्बतन प्रधानमंत्री पेंम्पा छिंरिग

मसूरी से वरिष्ठ संवाददाता सतीश कुमार की रिपोर्ट: तिब्बत के हाल ही निर्वाचित प्रधानमंत्री पेंम्पा छिरिंग मसूरी पहुंचे व यहां पर तिब्बतन होम्स का निरीक्षण किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि मसूरी तिब्बतियों के लिए बडे़ ही महत्व व गौरव का स्थान है क्यों कि तिब्बत से निर्वासित होने पर पूज्य दलाई लामा पहले मसूरी आये थे और यहीं पर रहे तथा बाद में धर्मशाला गये।
तिब्बत होम्स स्कूल में निरीक्षण के दौरान तिब्बतन प्रधान मंत्री पेंम्पा छिंरिंग ने कहा कि भारत में शरण मिलने पर धर्मगुरू सबसे पहले मसूरी आये और यहीं पर रहे इस लिए मसूरी हमारा दूसरा घर है।

उन्हांेने कहा कि मसूरी का वातावरण व मौसम बहुत अच्छा है व विश्व का खूबसूरत पर्यटक स्थल है। उन्होंने कहा कि सबसे पहला तिब्बतन स्कूल भी मसूरी में बनाया गया। जिसके कारण तिब्बत समाज के लोगों का मसूरी से बेहद लगाव है। उन्होंने कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री पद की शपथ लिए तीन महीने हुए है। वह मसूरी में तिब्बतन होम्स का निरीक्षण करने के बाद सीएसटी का भी निरीक्षण करेंगे। क्योंकि शीघ्र ही सभी स्कूल तिब्बतन प्रशासन के अधीन होने वाले हैं इसी कड़ी में अभी तक छह स्कूलों का निरीक्षण कर चुके हैं।

उन्होंने कहा कि तिब्बतन समाज के विकास की बड़ी चुनौती हमारे सामने है। उन्होंने कहा कि भारत की जनता व सरकार का तिब्बती शरणार्थियों को पूरा समर्थन मिल रहा है जिसके लिए हम बहुत आभारी हैं। लेकिन राजनैतिक रूप से भारत को पहले अपने राष्ट्रीय हित देखने होते हैं व विदेशों से संबंध बनाने होते हैं। उन्होंने कहा कि निर्वासित होने के समय से अब तक भारत सरकार ने तिब्बत के लोगों की पूरी मदद की।

प. नेहरू से लेकर आज तक पूरा सहयोग मिल रहा है अगर भारत है तो तभी तिब्बत की सरकार भी है। लेकिन चीन के साथ संबंध बनाने के लिए उनसे बातचीत करेंगे जो सबसे चुनौती पूर्ण है। इसके लिए हम मध्यम मार्ग अपना रहे हैं इसके साथ ही तिब्बत में जो हमारे लोग रह रहे हैं उनका भी ध्यान रखना है कि वह अपनी बोली भाषा व संस्कृति को बचा कर रखें।

उन्होंने कहा कि भारत की संस्कृति तिब्बत की संस्कृति से काफी मिलती है। तिब्बत के प्रधानमंत्री पेंम्पा छिंरिंग ने कहा कि तिब्बत की आजादी का संघर्ष जारी रहेगा लेकिन जब तक चीन से वार्ता नहीं होती तब तक अंर्तराष्ट्रीय स्तर पर संघर्ष करते रहेंगे व विश्व के देशों का समर्थन लेते रहेंगे ताकि समस्या का समाधान हो सके। वहीं तिब्बती समाज को मजबूत करने के कार्य के साथ ही जो भारत व बाहरी देशों में रह रहे हैं उनकी देखभाल भी करना है। इस मौके पर उनके साथ तिब्बतन होम्स के सचिव सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

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