उत्तराखंड पहाड़ी प्रदेश होने के कारण यहां मौसम का मिजाज पल-पल बदलता रहता है। उत्तराखंड में पिछले 3 दिन हुई मूसलाधार बारिश पहाड़ी जिलों में कई मार्ग बंद हो गए हैं। जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। उत्तराखंड में आपदा जैसे हालात बने हुए हैं। नदी नाले उफान पर हैं।
दिन भर की खबरें: प्रदेश में बीते दो दिनों से हो रही भारी बारिश के चलते नदी नालों का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है हाल यह है कि नादियों के ज्यादातर किनारे वाले गांवों में नदियों का पानी घुस चुका है और कई बीघे व फसल जमीन जलमग्न हो चुकी है। यही हाल केन्द्रीय रक्षाराज्य मंत्री अजय भट्ट के संसदीय क्षेत्र नैनीताल का भी है जहां बरसात ने लालकुआ विधानसभा क्षेत्र के अधिकतर इलाकों में भी अपना कहर बरपा रखा।
इधर केन्द्रीय रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने लालकुआ में जलप्रलय से प्रभावित इलाकों का दौरा करते हुऐ क्षेत्रों कि हकीकत देखी और ग्रामीणों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया वही गोलानदी के बढ़ते जलस्तर की जानकारी लगते हुऐ केन्द्रीय रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट बिन्दूखत्ता के इंदिरा नगर द्वितीय स्थित ग्रामीण गणेश दत्त जोशी, गोपाल दत्त जोशी,हंसा दत्त जोशी के बीच पहुंचे जहां उनके मकान और भूमि नदी में जलमग्न हो गई.
वही केन्द्रीय रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट के साथ एसडीएम मनीष कुमार, तराई पूर्वी वन प्रभाग के प्रभागीय वन अधिकारी संदीप कुमार, पुलिस क्षेत्राधिकारी सर्वेश पवार ,कोतवाल संजय कुमार,भाजपा जिलाध्यक्ष प्रदीप बिष्ट, क्षेत्रीय विधायक नवीन दुम्का, पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष पवन चौहान, मंडल अध्यक्ष दीपक जोशी समेत तमाम नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहे.
इधर केन्द्रीय रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने कहा कि आज उनके द्वारा लालकुआ के कई इलाकों का दौरा किया उन्होंने कहा कि सरकार हर स्थिति पर अपनी नजर बनाये हुये है उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खूद हवाई दौरा कर स्थित का जायजा ले रहे उन्होंने कहा कि अभी समय लोगों को जलप्रलय से बचाना है.
उन्होंने कहा कि शासन प्रशासन पुरी मुस्तैदी से काम कर रहा है तथा कुमाऊ में सैना के तीन हेलीकॉप्टर भी लगाये गये है जो प्रभावित लोगों सुरक्षित निकाल सकें इसके अलावा उन्होंने पानी कम होने पर फसलों के नुकसान का जायजा लेकर मुआवजा दिलवाने की बात भी कही।
ऋषिकेश में गंगा खतरे के निशान से महज 20 सेंटीमीटर नीचे बह रही है। त्रिवेणी घाट के आरती स्थल समेत विभिन्न गंगा घाट जलमग्न हो गए हैं। प्रशासन तटीय क्षेत्रों में रह रहे लोगों को आश्रय स्थलों में शिफ्ट कर रहा है। ऋषिकेश में गंगा का जलस्तर 340.30 मीटर पर पहुंच गया है।
पहाड़ों की बारिश के बाद हरिद्वार में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। सुबह साढ़े आठ बजे से पानी के जलस्तर में बढ़ोतरी हुई है। जिसके बाद से प्रशासन अलर्ट मोड पर है। बैराज के खतरे का निशान 294 मीटर पर है। उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के एसडीओ शिवकुमार कौशिक ने बताया कि रात 12:00 बजे के बाद टिहरी बांध व श्रीगंगानगर से पानी छोड़े जाने से गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है। जिससे क्षेत्र में अलर्ट जारी किया गया है।
गंगा चेतावनी निशान 340.50 मीटर के बिल्कुल करीब पहुंच गई है। केंद्रीय जल आयोग ने मैदानी जिलों के प्रशासन अलर्ट कर दिया है। पुलिस गंगा के तटीय क्षेत्र में रहने वाले लोगों लगातार अलर्ट कर रही है। वहीं चंद्रेश्वर नगर, मायाकुंड, चंद्रभागा के आसपास रहने वाले लोगों को शिफ्ट किया जा रहा है। त्रिवेणी घाट का आरती स्थल, परमार्थ घाट, नाव घाट, शत्रुघ्न घाट आदि घाट पानी में डूब गए हैं।
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