उत्तराखंड

शिक्षा मंत्री जी…ऐसे में कैसे पढ़ेंगे ‘नौनिहाल’ ? स्कूल जाते ही लगाना पड़ता हैं झाड़ू…

शिक्षा मंत्री जी…ऐसे में कैसे पढ़ेंगे ‘नौनिहाल’ ? स्कूल जाते ही लगाना पड़ता हैं झाड़ू।

रिपोर्टर गौरव गुप्ता। हल्दूचौड़।

बच्चे देश का भविष्य होते हैं, देश के भविष्य को संवारने के लिए ही बच्चों को स्कूल में पढ़ने भेजा जाता है,किंतु सरकार नई शिक्षानीति के तहत सरकार के सख्त निर्देशों के वावजूद विकासखंड हल्द्वानी के गंगापुर कबड़वाल स्तिथ प्राथमिक विद्यालय में बच्चों के हाथों में किताब नहीं बल्कि झाड़ू दिख रहा है। ये बच्चे स्कूल गए तो थे पढ़ने लेकिन यहां इनके हाथ में झाड़ू थमा दिया गया और इनसे स्कूल की सफाई करवाई जा रही है।

हालाकि प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षा का अधिकार कानून के तहत सरकारी स्कूलों में आधुनिक शिक्षा दिए जाने के भले लाख दावे किए जाते हो किन्तु हकीकत बिल्कुल अलग है। ग्रामीण क्षेत्र के कई स्कूलों में इसका पालन नहीं किया जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा व्यवस्था का हाल बेहाल हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में रोज सुबह माता-पिता अपने बच्चों को तैयार करके पढ़ाई के लिए स्कूलों में भेजते हैं, ताकि उनके छोटे छोटे बच्चे शिक्षा ग्रहण कर सके। लेकिन स्कूलों में पढ़ने वाले छोटे-छोटे बच्चों को सबसे पहले स्कूलों में झाडू लगानी पड़ती है। इसके बाद ही इन छात्र छात्राओं की पढ़ाई शुरू हो पाती है। इसमें सबसे खास बात यह है कि यह सब काम स्कूलों में शिक्षकों की मौजूदगी में होता है।

कुछ इसी तरह का मामला आज प्राथमिक विद्यालय गंगापुर कबड़वाल में देखने को मिला, यहां पर पढ़ाई से पहले हर रोज छोटे-छोटे बच्चों को झाड़ू लगानी पड़ती है। इसके बाद ही इन बच्चों की पढ़ाई शुरू हो पाती है। झाड़ू लगाते समय देश के नौनिहाल जहां धूल से सन रहे हैं वहीं उनके कपड़े भी गंदे हो जातें हैं और विभिन्न प्रकार की बीमारियों का भय भी बना रहता है। इस संबंध में खंड शिक्षा अधिकारी ने जांच कराए जाने की बात कही है।

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