उत्तराखंड

किच्छा में बैसाखी पर्व श्रद्धा व उल्लास के साथ मनाया गया

किच्छा में बैसाखी पर्व श्रद्धा व उल्लास के साथ मनाया गया

रिपोर्टर गौरव गुप्ता।

किच्छा, 13 अप्रैल 2025 — गुरुद्वारा सिंह सभा, पुरानी मंडी किच्छा में आज बैसाखी पर्व अत्यंत श्रद्धा, भक्ति और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस पावन अवसर पर सुबह से ही गुरुद्वारा परिसर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। संगत ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब के दर्शन कर अरदास की और एक-दूसरे को बैसाखी की शुभकामनाएं दीं।

कार्यक्रम के दौरान श्रद्धालुओं ने गुरबाणी कीर्तन का आनंद लिया और गुरु का लंगर ग्रहण किया। वातावरण पूरी तरह से आध्यात्मिक ऊर्जा और भक्ति भाव से ओतप्रोत रहा।

कार्यक्रम में पूर्व विधायक राजेश शुक्ला ने खालसा पंथ के इतिहास पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि 1699 में गुरु गोविंद सिंह ने आनंदपुर साहिब में बैसाखी के दिन खालसा पंथ की स्थापना की थी। उन्होंने गुरु ग्रंथ साहिब को सिखों का जीवित गुरु घोषित कर सिख धर्म को एक नई दिशा दी।

शुक्ला ने अपने संबोधन में कहा, “गुरु गोविंद सिंह ने समाज से छुआछूत, पाखंड और भेदभाव को समाप्त करने का संदेश दिया। आज आवश्यकता है कि हम सब उनके दिखाए हुए मार्ग पर चलें और सामाजिक एकता, समानता व सेवा भाव को अपनाएं।”

इस अवसर पर गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा पूर्व विधायक राजेश शुक्ला एवं भाजपा मंडल अध्यक्ष गोल्डी गोराया को सरोपा और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।

समारोह में नगर के अनेक गणमान्य नागरिक, सामाजिक कार्यकर्ता एवं श्रद्धालु बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में समस्त संगत ने देश में शांति, एकता और सद्भावना की कामना करते हुए अरदास की।इस अवसर पर गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी अध्यक्ष रणजीत सिंह राणा, निर्मल सिंह हंसपाल, सभासद संदीप अरोड़ा, धर्मराज जायसवाल, प्रकाश पंत, डॉ रणजीत सिंह, राजू बेदी, कविता मान, सुरेंद्र चौधरी, पूरन भट, विजय फुटेला, विजय अरोरा, नितिन फुटेला, नितिन वाल्मीकि, गुलशन कुमार समेत उपस्थित थी।

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