उत्तराखंड

भ्रमण से सृजनशीलता का गुण विकसित होता है: डॉ संजय महर

लेखक गांव का भ्रमण

रिपोर्ट विनोद गंगोटी।

भ्रमण से सृजनशीलता का गुण विकसित होता है: डॉ संजय महर

भ्रमण से संस्कृति, पर्यावरण, इतिहास ,भूगोल का वास्तविक ज्ञान मिलता है, और वास्तविक ज्ञान से सृजनशीलता का गुण विकसित होता है। यह विचार देवभूमि उद्यमिता योजना राजकीय महाविद्यालय नरेंद्र के नोडल ऑफिसर डॉ संजय महर ने लेखक गांव थानों में प्रशिक्षणार्थी छात्रों को संबोधित करते हुए व्यक्ति किये।

बताते चलें कि आज देवभूमि उद्यमिता प्रशिक्षण कार्यक्रम के दसवें दिन नरेंद्र नगर महाविद्यालय के प्रशिक्षणार्थियों को अकादमी और व्यावहारिक प्रशिक्षण के अंतर्गत लेखक गांव, थानों,देहरादून का भ्रमण कराया गया।

लेखक गांव में छात्र प्रशिक्षणार्थियों ने स्पर्श हिमालय फाउंडेशन के अंतर्गत स्थापित लेखक कुटीर, हिमालयी रसोई,हिमालय ग्रंथालय, नक्षत्र वाटिका आदि का अवलोकन किया और उनके उद्देश्यों को जाना।

स्पर्श हिमालय फाउंडेशन के मुख्य कार्य अधिकारी ओ पी बडोनी ने प्रशिक्षणार्थियों को लेखक गांव के परिचय और उद्देश्यों से रूबरू कराया। स्पर्श हिमालय अभियान के मुख्य प्रबंधक ईशान महंगाई ने सभी छात्रों को ऊर्जा के साथ कार्य करने का आह्वान किया। संस्थान के अन्य कार्मिक सेमवाल और नवानी ने छात्रों को पुस्तकालय , औषधीय एवं शोभाकर पौधों की जानकारी दी।

भ्रमण कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ आराधना सक्सैना, डॉ विक्रम सिंह बर्त्वाल एवं डॉ जितेंद्र नौटियाल ने भी अपने विचार प्रकट किये। नोडल अधिकारी डॉ संजय महर ने लेखक गांव भ्रमण में सहयोग के लिए गढ़वाल विश्वविद्यालय पर्यटन विभाग के डॉ सर्वेश उनियाल एवं स्पर्श हिमालय फाउंडेशन का आभार प्रकट किया है।

भ्रमण कार्यक्रम में महाविद्यालय के कार्मिक अजय पुंडीर ,शिशुपाल रावत के अलावा बड़ी संख्या में प्रशिक्षणार्थी छात्रों ने भ्रमण कार्यक्रम को रोचक बना दिया‌। लेखक गांव के अलावा छात्रों ने स्थानीय भ्रमण कर वहां की सामाजिक और सांस्कृतिक स्थिति को जाना। इसके बाद छात्रों का दल नरेंद्र नगर वापस लौट गया ।

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