उत्तराखंड

छात्र-छात्राओं ने बाजार सर्वेक्षण कर उत्तराखंड के जैविक उत्पादों की ली जानकारी

छात्र-छात्राओं ने बाजार सर्वेक्षण कर उत्तराखंड के जैविक उत्पादों की ली जानकारी

रिपोर्ट विनोद गंगोटी।

बाजार सर्वेक्षण के तहत उत्पादों की जानकारी ली। धर्मानंद उनियाल राजकीय महाविद्यालय नरेंद्र नगर के छात्र-छात्राओं के दल ने देवभूमि उद्यमिता प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत बाजार सर्वेक्षण के अंतर्गत स्थानीय बाजार नरेंद्र नगर का भ्रमण कर उत्तराखंड के जैविक उत्पादों के बारे में जानकारी हासिल की। कोदा, झंगौरा, राजमा, तिल, भांगजीर, चोलाई, सरसों, सोयाबीन, काला भट्ट, हल्दी, अदरक, राजमा, सोयाबीन चिया सीड, मण्डुआ, लाल चावल एवं अन्य जैविक उत्पादों के विपणन आउटलेट 3K में उपलब्ध ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स के बारे में बताते हुए गोविंद दर्शन सहकारी समिति के अध्यक्ष दर्शन शाह ने उत्तराखंड में स्वास्थ्य वर्धक प्रचलित जैविक उत्पादों की उपयोगिता एवं खेती के बारे में छात्र-छात्राओं को जागरूक किया।

इस अवसर पर प्रकृति प्रेमी डॉक्टर एस एन मिश्रा ने बताया कि इंसुलिन (मधुमेह रोग में उपचार रामबाण औषधि) पौधे, गिलोय, आंवला, एलोवेरा की जनमानस के जीवन में उपयोगिता के साथ ही इन पारंपरिक औषधिय तंत्र के लंबी आयु में बहुमूल्य योगदान है। सर्वेक्षण के दौरान वाणिज्य विभाग की पप्राध्यापिका डॉ0 नताशा ने महिला सशक्तिकरण पर जोर देते हुए कहा की महिला उद्यमिता में समृद्धि एवं खुशहाली हेतु स्वयं सहायता समूह का गठन कर छात्राएं वित्तीय लाभ हासिल कर सकती हैं।

बाजार सर्वेक्षण उद्यमिता प्रशिक्षण कार्यक्रम के नोडल डॉ0 संजय महर के नेतृत्व में किया गया। बाजार सर्वेक्षण उत्तराखंड उत्पाद, बाजार की प्रकृति एवं स्वरूप क्या और किस तरह की होनी चाहिए, इस विषय पर डॉ0 संजय महर ने छात्र छात्राओं को संबोधित किया।

उन्होंने बताया कि बाजार की समझ उद्यमिता की मूल भावना हेतु आवश्यक है। सर्वेक्षण में शिशुपाल, अजय, गणेश पांडे, विशाल त्यागी, महेश, आयुषी, सुनीता, आफ़िया, स्थानीय समन्वयक सुषमा के सहित अन्य प्रशिक्षणार्थी मौजूद रहे।

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