बड़ी ख़बर: पढ़िए महंत नरेंद्र गिरि का दस पन्नों का सुसाइड नोट
स्टेट न्यूज़ यूके के पास महंत नरेंद्र गिरि का 10 पन्ने का

हरिद्वार से देवम मेहता की रिपोर्ट: नरेंद्र गिरि का सुसाइड नोट मिलने के बाद एक लाइन में जिक्र हुआ है कि उनकी फोटो या वीडियो एडिट करके कहीं न कहीं ब्लैकमेल किया जा सकता है।
स्टेट न्यूज़ यूके के पास महंत नरेंद्र गिरि का 10 पन्ने का सुसाइड नोट है। हर पन्ने के नीचे उन्होंने दस्तखत किया हुआ है। इसमें लिखा है कि इस महीने की 13 तारीख को भी उनके मन में आत्महत्या करना का खयाल आया था। सुसाइड नोट में तारीख है, सिलसिलेवार तरीके से बताया गया है कि आनंद गिरि से वे कैसे मानसिक तौर पर परेशान रहते थे, उसके बाद आद्या प्रसाद तिवारी का क्या रोल था, संदीप तिवारी का क्या रोल था, उत्तराधिकारी बलबीर पुरी को बनाया जाएगा उसके बारे में जिक्र है। जिन लोगों ने उनका (नरेंद्र गिरि) का साथ दिया और मदद की उनका जिक्र है। इस सुसाइड नोट में इस बात का भी जिक्र है कि उनके (नरेंद्र गिरि) मन में इसी महीने की 13 तारीख को भी आत्महत्या करने का खयाल आया था।
सुसाइड लेटर में एक पन्ने पर उन्होंने लिखा है कि प्रिय बलवीर गिरी ओम नमो नारायण मैंने तुम्हारे नाम से रजिस्टर्ड वसीयत की है जिसमें लिखा है कि मेरे ब्रह्मलीन होने के बाद तुम ही बड़े हनुमान मंदिर के महंत बनोगे। इसके साथ ही उन्होंने अपने उत्तराधिकारी से इस लेटर में यह भी अनुरोध किया है कि उनकी मौत के बाद उनके साथ लगे हुए विद्यार्थियों का ख्याल रखा जाए। जिसमें मिथिलेश पांडे,रामकृष्ण पांडे, मनीष शुक्ला, शिवेश कुमार मिश्रा, अभिषेक कुमार मिश्रा, उज्जवल द्विवेदी, प्रज्वल द्विवेदी, अभय द्विवेदी, निर्भय द्विवेदी, सुमित तिवारी का ध्यान देने की बात कही है। उन्होंने अपने उत्तराधिकारी से यह भी अपील की है कि इन शिष्यों का उसी तरह से ध्यान रखना जैसा मेरे समय में रखा जाता रहा है।
महंत नरेंद्र गिरि ने अपने सुसाइड नोट में अपनी मौत का जिम्मेदार शिष्य आनंद गिरि, आद्या प्रसाद तिवारी संदीप तिवारी को ठहराया है। उन्होंने अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि उनके आत्महत्या के लिए जिम्मेदार इन तीन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

महेंद्र गिरी के सुसाइड नोट में अगले पेज पर लिखा है ‘ मैं महंत गिरि, वैसे तो मैं 13 सितंबर 2021 को आत्महत्या करने जा रहा था लेकिन हिम्मत नहीं कर पाया। आज जब हरिद्वार से सूचना मिली कि एक-दो दिन में आनंद गिरि कंप्यूटर के माध्यम से मोबाइल से मेरी फोटो लगाकार किसी लड़की या महिला के साथ गलत काम करते हुए फोटो वायरल कर देगा। मैंने सोचा कहां-कहां सफाई दूंगा। एक बार तो मैं बदनाम हो जाऊंगा। मैं जिस पद पर हूं, वह गरिमामयी पद है। सच्चाई तो लोगों को बाद में पता चलेगा, लेकिन मैं तो बदनाम हो जाऊंगा। इसलिए मैं आत्महत्या करने जा रहा हूं। जिसकी जिम्मेदारी आनंद गिरि, आद्या प्रसाद तिवारी एवं उसका लड़का संदीप तिवारी है।
सुसाइड नोट के पहले पन्ने पर महंत नरेंद्र गिरि ने लिखा है कि मैं महंत नरेंद्र गिरि मठ बाघम्बरी गद्दी बड़े हनुमान मंदिर लेटे हनुमान जी वर्तमान में अध्यक्ष अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अपने होशो हवास में बगैर किसी दबाव में यह बात लिख रहा हूं। जब से आनंद गिरि ने मेरे ऊपर असत्य मनगढ़ंत आरोप लगाया तब से मैं मानसिक दबाव में जी रहा हूं। जब भी मैं एकांत में रहता हूं मर जाने की इच्छा होती है। आनंद गिरि आद्या प्रसाद तिवारी उनका लड़का संदीप तिवारी ने मिलकर मेरे साथ विश्वासघात किया मुझे जान से मारने का प्रयास किया। सोशल मीडिया फेसबुक एवं समाचार पत्रों में आनंद गिरी ने मेरे चरित्र के ऊपर मनगढ़ंत आरोप लगाया। मैं मरने जा रहा हूं सत्य बोलूंगा मेरा घर से कोई संबंध नहीं है। मैंने एक भी पैसा घर पर नहीं दिया है।
मैंने मंदिर एवं मठ में पैसा लगाया है। 2004 में मैं महंत बना, 2009 से अभी तक जो मठ एवं मंदिर का विकास किया वो सभी भक्तों जानते हैं। आनंद गिरी द्वारा जो भी आरोप लगाया गया उससे मेरी एवं मठ मंदिर की बदनामी हुई है। मैं बहुत आहत हूं मैं आत्महत्या करने जा रहा हूं मेरे मरने की संपूर्ण जिम्मेदारी आनंद गिरी आद्या प्रसाद तिवारी जो मंदिर में पुजारी हैं व आद्या प्रसाद तिवारी का बेटा संदीप तिवारी की होगी। मैं समाज में हमेशा शान से जिया लेकिन आनंद गिरि ने मुझे कई तरीके से बदनाम किया। इसके साथ ही उन्होंने सुसाइड नोट में लिखा हुआ है कि आनंद गिरि ने किसी महिला के साथ उनकी कुछ इस तरह की तस्वीरें तैयार कर ली हैं। जिसके जरिए आनंद गिरि उन्हें डरा धमका रहा है।
इसके साथ ही इस सुसाइड लेटर में महंत नरेंद्र गिरि ने अपना उत्तराधिकारी भी घोषित कर दिया है।
सुसाइड नोट की 7वीं कॉपी.
अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी के शव का पांच सदस्यीय टीम ने पोस्टमार्टम किया। पोस्टमार्टम करीब दो घंटे तक चला। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था का व्यापक बंदोबस्त किया गया था। पोस्टमार्टम की प्रारंभिक रिपोर्ट आ गई है, जिसमें प्रथम दृष्टया दम घुटने से मौत की पुष्टि की गई है। हालांकि फाइनल रिपोर्ट तो बिसरा की जांच के बाद ही आएगी।पोस्टमार्टम की वीडियो रिकॉर्डिंग भी की गई। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में बताया गया है कि नरेंद्र गिरि की मौत दम घुटने की वजह से हुई है।
वहीं प्रयागराज में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि के शव का पोस्टमार्टम पांच डॉक्टरों की टीम ने दो घंटे तक किया। बाघंबरी गद्दी प्रयागराज में अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि को 12 बजे भू समाधि दी जाएगी। इसके लिए तैयारियां तेज कर दी गई हैं।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष व श्रीमहंत नरेंद्र गिरि के शिष्य आनंद गिरि के संपर्क में महाकुंभ के दौरान आए संतों व कुछ सफेदपोश पर यूपी पुलिस शिकंजा कस सकती है। वहीं श्यामपुर क्षेत्र से एक नंबर पर लगातार नरेंद्र गिरि को उन्हें आनंद गिरि द्वारा बदनाम करने की जानकारी मिल रही थी। इस नंबर को लेकर भी चर्चाएं बनी हुई है कि नरेंद्र गिरि का शुभचिंतक उनके संपर्क में था।
श्रीमहंत नरेंद्र गिरि की मौत के बाद उनके शिष्य आनंद गिरि को यूपी पुलिस ने अपनी हिरासत में ले लिया है। वहीं महाकुंभ मेले के दौरान आनंद गिरि के संपर्क में आए संतों व सफेदपोश नेता भी यूपी पुलिस की रड़ार पर आ गए हैं। क्योंकि बीते महाकुंभ के बाद आनंद गिरि से जिन लोगों का संपर्क बना था। उनमें से कई चर्चित संत है। इसके साथ ही कुछ जिले के सफेदपोश नेता भी है।
महाकुंभ मेले के दौरान आनंद गिरि के संपर्क में आए लोगों ने संतों व सफेदपोश नेताओं ने उनके साथ सेल्फी व फोटो लेकर सोशल मीडिया पर अपलोड किए थे। मगर पिछले दिनों नरेंद्र गिरी व आनंद गिरि के बीच हुए विवाद के बाद इन फोटो सोशल मीडिया पर हटा दिया गया था। ऐसे में अब साइबर सेल भी इसको लेकर एक्टिव हो सकती है।
मोबाइल कॉल से संबंधित कोई भी मामला मेरी जानकारी में नहीं है। अभी तक यूपी से इसके बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है। –डॉक्टर योगेंद्र सिंह रावत, एसएसपी हरिद्वार