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ब्रेकिंग: BJP को लग सकता है एक और झटका! कांग्रेस ज्वाइन करेंगे हरक

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं वहीं दूसरी ओर उत्तराखंड की राजनीति को लेकर उठापठक का दौर जारी है। इस बीच सूत्रों के हवाले से उत्तराखंड से बड़ी खबर सामने आ रही है। 2016 में कांग्रेस के खिलाफ बगावत का झंडा बुलंद करने वाले वर्तमान में भाजपा के कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत कल उत्तराखंड की राजनीति में धमाल कर सकते हैं।

हरक सिंह रावत संभवत कल कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। हरक सिंह रावत कांग्रेस में शामिल होने के बाद कांग्रेसी गोत्र के भाजपा नेताओं में भगदड़ मच सकती है। यशपाल आर्य जी कांग्रेस में वापसी के बाद अब हरक सिंह रावत भी कांग्रेस में शामिल होंगे।

दलित नेता यशपाल आर्य के बाद हरक सिंह रावत की कांग्रेस में वापसी तय है। अगले दो दिन के अंदर उनको पार्टी में दुबारा शामिल किया जाएगा। हरक सिंह रावत उत्तराखंड के बड़े नेता हैं, जिन्होंने 2016 में कांग्रेस आलाकमान से बगावत कर दी थी और भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए थे।

सूत्रों के माने तो उनकी कांग्रेस आलाकमान से बातचीत पूरी हो चुकी है। उनके साथ कुछ और नेताओं की कांग्रेस में शामिल होने की भी संभावना है. हरक सिंह रावत पहली बार 1991 में पौड़ी से चुन कर विधानसभा आए थे। तब उत्तराखंड अलग राज्य नहीं था और उत्तर प्रदेश का हिस्सा था।

सूत्रों का कहना है की रावत की उत्तराखंड बीजेपी के नेतृत्व से पटरी नहीं बैठ रही थी। उनको हाल फिलहाल वर्कर्स बोर्ड से भी हटा दिया गया था। हरक सिंह रावत के करियर में कई उतार चढ़ाव आए हैं। साल 2000 के बाद वो सत्ता से हमेशा जुड़े रहे। वो उत्तराखंड में नेता विपक्ष भी रहे। उनकों 2002 में एक स्कैंडल के चलते इस्तीफा भी देना पड़ा था।

कांग्रेस के सूत्रों की की माने तो उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत बीजेपी गए कांग्रेस नेताओं को वापिस लाने के लिए ज्यादा उत्सुक नहीं हैं। हरक सिंह रावत उन नेताओं में से थे, जिन्होंने हरीश रावत सरकार के खिलाफ 2016 में बगावत कर दी थी और मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया था। इसलिए हरीश रावत की हरक सिंह रावत से कटुता निजी है जो यशपाल आर्य के साथ नहीं है। लेकिन कांग्रेस आलाकमान पुराने नेताओं को पार्टी में जगह देना चाहता है।

इस मामले में नेताओं की भर्ती सीधे दिल्ली से कोआर्डिनेट हो रही है और स्थानीय नेताओं को इसके बारे में सूचित किया जा रहा है। कांग्रेस आलाकमान को लगता है कि इन नेताओं के आने से राज्य में ठीक से हवा बन पाएगी। हरीश रावत ने अक्टूबर में यह तक कह दिया था कि बिन माफी मांगे किसी नेता को कांग्रेस में जगह नहीं दी जाएगी। उसके बाद हरक सिंह रावत ने दो चीजें कही थी। एक वो 2022 में चुनाव लड़ना नहीं चाहते और दूसरी कि जो उन्होंने कांग्रेस और उसके नेतृत्व के बारे में बोला था वो गलत है।

कांग्रेस के सूत्रों की की माने तो उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत बीजेपी गए कांग्रेस नेताओं को वापिस लाने के लिए ज्यादा उत्सुक नहीं हैं। हरक सिंह रावत उन नेताओं में से थे, जिन्होंने हरीश रावत सरकार के खिलाफ 2016 में बगावत कर दी थी और मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया था। इसलिए हरीश रावत की हरक सिंह रावत से कटुता निजी है जो यशपाल आर्य के साथ नहीं है। लेकिन कांग्रेस आलाकमान पुराने नेताओं को पार्टी में जगह देना चाहता है।

इस वक्त हरीश रावत कांग्रेस के बड़े नेता हैं और इस चुनाव को वो अपनी आखिरी पारी की तरह खेल रहे हैं. यशपाल आर्य के बाद हरक सिंह रावत दूसरे बड़े नेता हैं जो घर वापिसी कर रहे हैं. बीजेपी ने पिछले 1 साल में दो बार मुख्यमंत्री को बदला है. 2017 के उत्तराखंड चुनाव बीजेपी भारी बहुमत से जीती थी और कांग्रेस के तमाम बड़े नेता पार्टी को छोड़ कर बीजेपी में शामिल हो गए थे। लेकिन अब पहिया अब उलटा घूम रहा है और अब बीजेपी से कई नेता कांग्रेस वापिस आना चाहते हैं।

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