
मिशन 2027 लालकुआं विधानसभा:
कांग्रेस में टिकट को लेकर जोरदार खींचतान, क्या दोहराए जाएंगे 2022 जैसे हालात।
रिपोर्टर गौरव गुप्ता
लालकुआं।
लालकुआं विधानसभा सीट एक बार फिर कांग्रेस के लिए चुनौती बनकर उभर रही है। क्षेत्र की राजनीतिक फिज़ाओं में टिकट दावेदारी को लेकर हलचल तेज है और पार्टी के भीतर तमाम मजबूत चेहरे रेस में नजर आ रहे हैं।
वही प्रमुख रूप से पूर्व कैबिनेट मंत्री हरीश चंद्र दुर्गापाल के पुत्र हेमवती नंदन दुर्गापाल, जिनकी पकड़ संगठन और क्षेत्रीय समीकरणों पर मानी जाती है। वो काग्रेंस में सबसे मजबूत उम्मीदवार मानें जा रहे है तो वही दूसरी ओर वरिष्ठ कांग्रेसी नेता हरेंद्र बोरा जो कि अपनी ज़मीनी सक्रियता और लंबे राजनीतिक अनुभव के दम पर दावेदारी मजबूत कर चुके हैं। वहीं कांग्रेस के कद्दावर नेता और बिन्दुखत्ता राजस्व गांव की लड़ाई के प्रमुख सिपहसालार प्रमोद कालोनी भी इस बार टिकट दौड़ में अहम स्थान रखते हैं।
तीनों ही नेताओं का अलग-अलग सामाजिक आधार और स्वयं का मजबूत समर्थन तंत्र है, यही वजह है कि लालकुआं सीट कांग्रेस में सबसे ‘हाई-प्रोफाइल’ सीट में गिनी जा रही है।
पार्टी के भीतर चर्चा यह भी है कि अगर इस बार पैराशूट उम्मीदवारों का प्रयोग नहीं किया गया और स्थानीय दावेदारों पर भरोसा जताया गया, तो समीकरण कांग्रेस के पक्ष में जा सकते हैं। और यदि 2022 की तरह अंतिम समय में बाहरी चेहरे को प्राथमिकता मिली, तो नतीजा एक बार फिर पार्टी के लिए निराशाजनक हो सकता है।
फिलहाल टिकट को लेकर चल रही अंदरूनी खींचतान ने लालकुआं की राजनीति को गर्मा दिया है। कांग्रेस किस पर दांव लगाएगी—यह फैसला न सिर्फ सीट का भविष्य तय करेगा, बल्कि 2027 की कांग्रेस रणनीति का महत्वपूर्ण संकेत भी होगा।



