उत्तराखंड

आस्था ही नहीं आरोग्य और स्वास्थ्य लाभ के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है छठ पर्व: डॉ० (प्रो०) डी० सी० पसबोला “आयुष भूषण

आस्था ही नहीं आरोग्य और स्वास्थ्य लाभ के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है छठ पर्व: डॉ० (प्रो०) डी० सी० पसबोला “आयुष भूषण

छठ पर्व के माध्यम से आरोग्य और स्वास्थ्य लाभ

देहरादून, 25 अक्टूबर 2025

शनिवार- आज से शुरू हो रहे छठ महापर्व को न केवल आस्था का, बल्कि वैज्ञानिक और स्वास्थ्यवर्धक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण माना जाता है। यह पर्व सूर्य देव और छठी मैया की उपासना के साथ-साथ शारीरिक और मानसिक आरोग्य प्रदान करता है। व्रती का उपवास, सात्विक भोजन और सूर्य के प्रकाश में स्नान, ये सभी शरीर के लिए अत्यंत लाभदायक हैं।

छठ पूजा और आरोग्य:

शरीर का डिटॉक्सिफिकेशन: उपवास के दौरान, शरीर के विषैले तत्व बाहर निकलते हैं और लीवर व रक्त शुद्ध होता है, जिससे शरीर डिटॉक्स होता है।

विटामिन डी: सूर्योदय और सूर्यास्त के समय सूर्य की किरणें यूवी-बी (UV-B) की संतुलित मात्रा प्रदान करती हैं, जो त्वचा को नुकसान पहुंचाए बिना शरीर में विटामिन डी का निर्माण करती हैं।

मानसिक शांति और ऊर्जा: पवित्र स्नान, सात्विक भोजन और सूर्योपासना से मन में सकारात्मक ऊर्जा और संतुलन का संचार होता है, जिससे व्रती को मानसिक शांति मिलती है।

सात्विक भोजन का महत्व:

नहाय-खाय: इस दिन व्रती लौकी-चना दाल और अरवा चावल जैसे सात्विक और सुपाच्य भोजन करते हैं।

पौष्टिक तत्व: लौकी हल्की और पचने में आसान होती है, जबकि चना दाल प्रोटीन और फाइबर से भरपूर होती है।

प्राकृतिक लाभ: गन्ने का रस तुरंत ऊर्जा प्रदान करता है और पाचन तंत्र के लिए लाभकारी है।

वैज्ञानिक और पौराणिक महत्व:

प्राचीन कथाएं: पौराणिक कथाओं के अनुसार, राजा प्रियव्रत ने भी कुष्ठ रोग से मुक्ति के लिए छठ व्रत किया था और आरोग्य प्राप्त किया था।

खगोलीय संबंध: छठ पूजा की परंपरा वैज्ञानिक रूप से भी महत्वपूर्ण है। सूर्योदय और सूर्यास्त के समय सूर्य की पराबैंगनी किरणें अधिक सघन होती हैं। व्रती जल में खड़े होकर अर्घ्य अर्पित करते हैं, जिससे शरीर पर नियंत्रित मात्रा में सूर्य प्रकाश और पराबैंगनी किरणों का प्रभाव पड़ता है, जो शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता और मानसिक संतुलन को बढ़ाता है।

स्वास्थ्य संबंधी सुझाव:

हृदय रोगी अपनी दवाएं नियमित रूप से लें और डॉक्टर की सलाह का पालन करें।

उपवास के दौरान शारीरिक कमजोरी महसूस होने पर विश्राम करें।

पूजा के बाद धीरे-धीरे हल्का और सुपाच्य भोजन करें, अचानक भारी भोजन से बचें।

छठ पूजा प्रकृति, विज्ञान और मानव स्वास्थ्य के बीच अद्भुत सामंजस्य का प्रतीक है। इस पर्व के माध्यम से हम आस्था और स्वास्थ्य लाभ दोनों प्राप्त कर सकते हैं।

चिकित्सा शिरोमणि डॉ० (प्रो०) डी० सी० पसबोला “आयुष भूषण”, देहरादून, उत्तराखंड

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