उत्तराखंड

आयुर्वेद और आरोग्य के देवता धन्वंतरि का अवतरण दिवस है धनतेरस: डॉ० (प्रो०) डी० सी० पसबोला “देवज्ञ”

आयुर्वेद और आरोग्य के देवता धन्वंतरि का अवतरण दिवस है धनतेरस: डॉ० (प्रो०) डी० सी० पसबोला “देवज्ञ”

धन्वंतरि जयंती 2025, जिसे धनतेरस के नाम से भी जाना जाता है, 18 अक्टूबर 2025, शनिवार को मनाई जाएगी। इस दिन, भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है, जो समुद्र मंथन से अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। यह दिन धन, समृद्धि और स्वास्थ्य का प्रतीक है।

धन्वंतरि जयंती 2025 का महत्व

धन्वंतरि का अवतरण: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान धन्वंतरि समुद्र मंथन से अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे, इसलिए धनतेरस को धन्वंतरि जयंती के रूप में मनाया जाता है।

आयुर्वेद के जनक: उन्हें आयुर्वेद और आरोग्य का देवता माना जाता है, इसलिए यह दिन स्वास्थ्य और दीर्घायु की कामना के लिए महत्वपूर्ण है।

धन और समृद्धि: धनतेरस को धन, समृद्धि और नई शुरुआत का पर्व भी माना जाता है। इस दिन सोना, चांदी और बर्तन खरीदना शुभ होता है।

2025 में धनतेरस मनाने की जानकारी

तिथि और समय: धनतेरस 18 अक्टूबर 2025 को मनाया जाएगा।

खरीदारी: इस दिन दोपहर में नवीन वस्तुओं की खरीददारी करना शुभ माना जाता है।

पूजा: प्रदोष काल में भगवान धन्वंतरि की पूजा विधि-विधान से की जाती है।

खरीदारी के लिए शुभ समय: यदि आप 18 अक्टूबर को खरीदारी नहीं कर पाते हैं, तो 19 अक्टूबर को दोपहर 01:52 तक खरीदारी की जा सकती है।

2025 में धनतेरस मनाने के लिए सुझाव

धन्वंतरि मंत्र का जाप करें: पूजा करते समय ‘ॐ धन्वंतराये नमः’ जैसे मंत्रों का जाप करें।

पारद धन्वंतरि मूर्ति की पूजा: शुद्ध पारे से बनी पारद धन्वंतरि मूर्ति की पूजा करना विशेष रूप से शुभ होता है, क्योंकि यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और घर में समृद्धि लाता है।

मंदिर दर्शन: प्रसिद्ध धन्वंतरि मंदिरों में जाकर भगवान के दर्शन करें, जैसे कि वेल्लनकन्नी, गुरुवायूर या काशी के मंदिर।

स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें: इस दिन अपने स्वास्थ्य के प्रति भी सचेत रहने का प्रण लें, क्योंकि स्वास्थ्य एक अनमोल संपत्ति है।

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