उत्तराखंड

भानदेव नवाड़ में जंगली हाथियों का आतंक, किसानों की खड़ी फसलें बर्बाद

भानदेव नवाड़ में जंगली हाथियों का आतंक, किसानों की खड़ी फसलें बर्बाद।

रिपोर्टर गौरव गुप्ता। हल्दूचौड़

तराई केंद्रीय वन प्रभाग के हल्द्वानी रेंज से सटे भानदेव नवाड़ गांव में शनिवार देर रात जंगली हाथियों ने कहर बरपाया। हाथियों के झुंड ने विभाग द्वारा लगाई गई सोलर फेंसिंग को तोड़ते हुए खेतों में घुसकर धान और गन्ने की खड़ी फसलों को रौंद डाला। देखते ही देखते किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया और खेत खलिहान उजड़कर तहस-नहस हो गए।

ग्रामीणों की सूचना पर मौके पर वन विभाग का गश्ती दल पहुंचा। हाथियों को खदेड़ने की हरसंभव कोशिश की गई, मगर हाथियों का झुंड देर रात तक खेतों में डटा रहा। इस बीच किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा।
वन क्षेत्राधिकारी ललित जोशी ने बताया कि क्षतिग्रस्त सोलर फेंसिंग की मरम्मत के निर्देश तत्काल दे दिए गए हैं।

विभागीय टीम शनिवार को ही प्रभावित क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण करेगी और किसानों को जल्द मुआवजा दिलाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा कि हाथियों को रिहायशी इलाकों में घुसने से रोकने के लिए अब सूर्यास्त के बाद गश्त और तेज की जाएगी।

ग्रामीणों ने हाथियों की लगातार बढ़ती आवाजाही को गंभीर संकट बताते हुए विभाग से दीर्घकालिक समाधान की मांग की है।

गांव के किसान दिनेश बमेटा ने कहा, “रातों को चैन की नींद नहीं है। कभी फसल उजड़ती है तो कभी जान का खतरा रहता है। हर बार नुकसान झेलकर मुआवजे का इंतजार करना मजबूरी है, समाधान नहीं।”

वहीं किसान कमलेश बमेटा ने कहा, “हाथियों का आतंक हर साल बढ़ता जा रहा है। केवल अस्थायी उपायों से काम नहीं चलेगा, विभाग को स्थायी समाधान ढूंढना होगा, नहीं तो खेती किसानी छोड़ने की नौबत आ जाएगी।”

ग्रामीणों ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों और सरकार की चुप्पी पर नाराज़गी भी जताई। उनका कहना है कि “चुनाव के वक्त नेता बड़े-बड़े वादे करते हैं, लेकिन जब गांव के लोग जंगली जानवरों के आतंक और तबाही से जूझ रहे हैं तो कोई हाल-चाल तक लेने नहीं आता। सरकार और जनप्रतिनिधियों की यह उदासीनता किसानों के जख्म और गहरे कर रही है।”

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