उत्तराखंड

भगवान श्री कृष्ण के प्रकृति प्रेम की संस्कृति,ओर मित्रता के महत्व को प्रतिपादित कर रहे हैं रामेश्वर दास

भगवान श्री कृष्ण के प्रकृति प्रेम की संस्कृति,ओर मित्रता के महत्व को प्रतिपादित कर रहे हैं रामेश्वर दास।

रिपोर्टर गौरव गुप्ता। हल्दूचौड़।

लंबे अरसे से क्षेत्र में हरे कृष्णा मूवमेंट के माध्यम से सनातन धर्म का प्रभाव बढ़ाने को कटिबद्ध हरे कृष्णा प्रभुपाद आश्रम एवं गौधाम हल्दूचौड़ परमा के संचालक रामेश्वर दास के प्रयासों से वर्तमान में प्रत्येक माह की 2 तारीख को हरेकृष्णा प्रभुपाद आश्रम गौधाम हल्दूचौड़ परमा से नगर निगम हल्द्वानी द्वारा संचालित गंगापुर गौशाला तक संकीर्तन यात्रा निकालकर सनातन संस्कृति को संजोए रखने हेतु किये जा रहे प्रयासों ने रंग दिखाना शुरू कर दिया हैं। वर्तमान में उक्त आयोजन में उमड़ रही अपार श्रद्धालुओं की संख्या इसका गवाह है।
कल 2 अप्रैल को आयोजित होने जा रहे महा संकीर्तन की तैयारियों में जुटे गंगापुर गौशाला से जुड़े गौ सेवक पूरन चंद्र तिवारी ने बताया कि हरेकृष्णा प्रभुपाद आश्रम एवं गौधाम हल्दूचौड़ परमा के संस्थापक रामेश्वर दास द्वारा अपने त्याग, विद्दुत्ता ओर समर्पण के माध्यम से जहां 33 कोटि देवताओं का वास कहीं जाने वाली हजारों गौ माता और उसके वंश की सेवा की जा रही है, वहीं अपने त्याग विधाता और समर्पण के माध्यम से जन-जन को आध्यात्म से जोड़कर उनका जीवन स्तर सुधारने का अनूठा कार्य भी किया जा रहा है। इससे जहां सनातन धर्म को जीवंत बनाए जाने की दिशा में जन जागृति आ रही है, वहीं सामाजिक सरोकारों के तहत अपनी प्रतिबद्धता के क्रम में सेवा साधना है सेवा प्रार्थना है और सेवा ही परमात्मा है को आत्मसात करते हुए क्षेत्रवासियों में गौ वंश की सेवा में मनोयोग से जुटने का आह्वान किया जा रहा है।सनातन संस्कृति को जीवंत बनाए रखने के उद्देश्य को लेकर प्रत्येक माह की 2 तारीख को महासंकीर्तन यात्रा के माध्यम से भगवान श्री कृष्ण के प्रकृति से प्रेम करो की संस्कृति और मित्रता के महत्व के संदेश को प्रतिपादित करने का कार्य किया जा रहा है। श्री तिवारी ने क्षेत्रवासियों से प्रत्येक माह आयोजित होने वाली उक्त संकीर्तन यात्रा का हिस्सा बन पुण्य अर्जित करने का आह्वान किया है।।

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