रिपोर्ट आशीष यादव: उत्तराखंड में दो दिन की भारी बारिश ने जमकर तबाही मचाई है। मैदानी इलाकों से लेकर पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश से काफी नुकसान पहुंचा है। हालांकि, राहत की बात है अब मौसम खुल गया है। जिदंगी दोबारा पटरी पर आने लगी है, लेकिन भारी बारिश के बाद आपदा से हुए नुकसान की भरपाई को काफी समय लगेगा। भारी बारिश की वजह से प्रदेशभर में पिछले तीन दिनों में 46 लोगों की मौत हो चुकी है। चिंता की बात है कि सबसे ज्यादा मौतें नैनीताल जिले में हुईं हैं।
बेमौसम बरसात की वजह से सड़कें सहित नेशनल हाईवे टूट गईं तो पुल टूटने से जगह-जगह यात्री फंस गए हैं। मौसम विभाग की मानें तो उत्तराखंड में दो दिन बारिश के बाद बुधवार को राहत की उम्मीद है। नैनीताल, चंपावत, पौड़ी और पिथौरागढ़ जिलों में हल्की बारिश हो सकती है। बाकी जिलों में राहत रहेगी। देहरादून स्थित मौसम विज्ञान केंद्र से जारी पूर्वानुमान के अनुसार, उत्तराखंड चार जिलों को छोड़कर बाकी जिलों में शुष्क मौसम रहने की संभावना है।
यह भी देखें
उत्तराखंड में आसमान से बरसी आफत की बारिश से हुए भूस्खलन की घटनाओं में अबतक 46 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 11 लोग तक लापता हैं। इसके अलावा 12 लोग घायल हैं। सबसे ज्यादा नैनीताल जिले में 25 लोगों ने अपनी जान गंवाई है। मरने वालों में यूपी-बिहार के 14 मजदूर भी शामिल हैं। नैनीताल तक जाने वाली तीन सड़कों पर आवाजाही पूरी तरह से ठप है। जिले का बाकी हिस्सों से संपर्क टूट गया है।
मलबे में अभी कई लोगों के फंसे होने की आशंका है। बारिश की वजह से उपजे हालात से निपटने के लिए सीएम पुष्कर सिंह धामी ने मोर्चा संभाला हुआ है। उन्होंने जान गंवाने वालों के आश्रितों को चार-चार लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है। आज भी राहत और बचाव का कार्य जारी रहेगा। ऐसी संभावना है कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है।
सितारगंज में पहाड़ी उकरौली में कैलाश नदी के छोर पर बना मंदिर नदी में समा गया। यहां दो घर भी भूकटाव में नदी में समा गये। पिछले दो दिनों तक कैलाश नदी में बाढ़ आ गयी थी। यहां जलस्तर 50 हजार क्यूसेक के करीब पहुंच गया था। इससे 10 से अधिक गांव के आसपास कृषि भूमि जलमग्न हो गयी थी। नदी का जलस्तर कम होने पर भूकटाव तेज हो गया है। कृषि भूमि नदी में समा रही है। इधर उकरौली में कैलाश नदी के भूकटाव से दो घर भी नदी के कटाव की जद में आकर ध्वस्त हो गये।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लोगों से ना घबराने की अपील की है। उन्होंने कहा कि लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। सीएम ने चार धाम यात्रियों से अपील करते हुए कहा कि वे मौसम में सुधार होने तक जहां हैं, वहीं रुके रहें।
भारतीय वायुसेना के तीन हेलिकॉप्टर्स को राहत और बचाव कार्यों में लगाया गया है। इनमें से दो हेलिकॉप्टर को नैनीताल में तैनात किया गया है। यह जिला बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं से बुरी तरह प्रभावित हुआ है। यहां सड़कों से मलबा हटाने का काम जारी है।
भूस्खलन और भारी बारिश के कारण आए सैलाब में फंसे लोगों को बाहर निकालने की कोशिश की जा रही है। कुमाऊं में पानी का स्तर कम हो रहा है। हालांकि रास्ता खुलने में अभी समय लगेगा। कई इलाकों का संपर्क टूट गया है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम रेस्क्यू ऑपरेशन में जुट गई हैं।
प्रकृति ने बरसाया कहर,कमाण्डेन्ट SDRF ने रुद्रपुर में डाला डेरा , रातभर चलाया राहत एवं बचाव आपरेशन
विगत दो दिनों से हुई लगतार बारिश ने कई जगहों पर जलभराव की स्थिति उतपन्न कर दी है । कुमाऊं रेंज में आसमानी आफत ने अधिक विनाशकारि स्वरूप धारण किया। अतिव्रष्टि के कारण नदियों के बढ़े हुए जलस्तर और आबादी वाली क्षेत्रो में जलभराव के कारण मानव जीवन पर संकट भी अत्यधिक बढ़ गया था। आपदा के इस विकट मंज़र के दृष्टिगत कमाण्डेन्ट SDRF, नवनीत सिंह ने स्वयं मोर्चा सम्भालते हुए कुमाऊं रेंज पहुचकर ,रुद्रपुर में राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया।
रुद्रपुर के विभिन्न स्थानों पर जलभराव के कारण कई मकानों में पानी भर गया है। ऐसे में जलभराव वाले स्थानों में फंसे लोगों को समय रहते सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने के लिये लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन् चलाया गया। राहत एवं बचाव कार्य को निरन्तर जारी रखते SDRF के जाबांज़ बिना रुके बिना थके लगातार कार्य कर रहे है। कल रात रुद्रपुर में SDRF द्वारा राफ्ट की सहायता से जलमग्न हुए मकानों में जाकर कई ज़िन्दगियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुचाया गया।
कमाण्डेन्ट SDRF ,द्वारा बताया गया की वह स्वयं मौके पर मौजूद है व संकट में फंसे प्रत्येक व्यक्ति को सुरक्षित करने के लिये कटिबद्ध है। SDRF द्वारा राज्यभर में कई लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू किया गया है व लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन्स चलाये जा रहे है । सेन्वेदनशील स्थानों पर टीमो की संख्या भी बढ़ा दी गयी है।