चुनावी रण: CM फेस पर फैसला आज! इन दोनों के बीच कांटे का मुकाबला

सर्द मौसम में भी चुनावी सरगर्मियां तेज है। सियासत में न कोई किसी का दुश्मन न कोई भाई, ये ही है राजनीति की सच्चाई…उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 में कुछ इसी तरह के रंग देखने को मिल रहे हैं। वहीं रविवार का दिन पंजाब कांग्रेस के लिए बेहद अहम है। उम्मीद जताई जा रही है कि आज कांग्रेस नेता राहुल गांधी पंजाब दौरे के दौरान पार्टी के मुख्यमंत्री उम्मीदवार का ऐलान करेंगे। इस रेस में मौजूदा सीएम चरणजीत सिंह चन्नी और पीसीसी चीफ नवजोत सिह सिद्धू के बीच कांटे का मुकाबला है।
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सूत्र बताते हैं कि चन्नी आगे चल रहे हैं, लेकिन सिद्धू उनके नेतृत्व में चुनाव लड़ने से इनकार कर रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस आलाकमान की मुश्किल बढ़ गई है। चुनाव में नुकसान न हो और सिद्धू के बगावती तेवरों को शांत करने के लिए कांग्रेस पार्टी बीच का रास्ता निकाल सकती है। सूत्र बताते हैं कि पार्टी दोनों को सत्ता वापस लाने पर ढाई-ढाई साल सीएम बनाने का ऐलान कर सकती है।
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इससे पहले शनिवार को एक बार फिर पीसीसी चीफ नवजोत सिंह सिद्धू ने नया बयान देकर अपने तेवर साफ कर दिए। उन्होंने कहा कि पार्टी जो भी शीर्ष पद के लिए चयन करेगी, उसके पास पूर्ण शक्ति होगी। लेकिन इस पर फैसला होना चाहिए कि जो सीएम बने वो 60 विधायक बना सके। उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि केवल लोगों के भरोसे वाला व्यक्ति ही सीएम बन सकता है, प्रदेश की 117 विधानसभा में 60 विधायक लाए वो ही असली हकदार है।
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कांग्रेस पार्टी के सूत्र बताते हैं कि पंजाब में कांग्रेस के सीएम उम्मीदवार को लेकर आलाकमान काफी गंभीर है। एक तरफ नवजोत सिंह सिद्धू हैं जो बगावती तेवरों से पार्टी की कई बार मुश्किल बढ़ा चुके हैं तो दूसरी ओर चरणजीत सिंह चन्नी प्रदेश में दलितों का चेहरा हैं। माना जा रहा है कि कांग्रेस बीच का रास्ता निकाल सकती है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि पार्टी आलाकमान दोनों को नाराज नहीं करना चाहती इसलिए, दोनों को सत्ता आने पर ढाई-ढाई साल सीएम बनाने पर सहमति हो सकती है।
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गौरतलब है कि नवजोत सिंह सिद्धू 20 फरवरी को होने वाले मतदान में अमृतसर पूर्व सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। उनका यह बयान कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा चुनाव के लिए पार्टी के मुख्यमंत्री पद के चेहरे की घोषणा करने से एक दिन पहले आया है। अमृतसर में एक मीडिया ब्रीफिंग में सिद्धू ने कहा, “याद रखना, चोरों को सबसे ऊपर बैठाया गया और राज्य दिवालिया हो गया। इस बार एक ईमानदार और दूरदर्शी व्यक्ति को सीएम बनाओ।”
उसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए पटियाला से बागी बने धर्मवीर गांधी ने सिद्धू का समर्थन करते हुए कहा, “मैंने सिद्धू में जो संकल्प देखा है, वह किसी अन्य राजनीतिक नेता या पार्टी में नहीं है। पंजाब एक सरप्लस राज्य था… लेकिन अब इसके नाम के साथ नकारात्मकता जुड़ी हुई है। किसान आत्महत्या कर रहे हैं, राज्य शिक्षा में पिछड़ रहा है और नशीली दवाओं की समस्या विकराल है।
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राज्य की बर्बादी के लिए जिम्मेदार लोग सिद्धू के खिलाफ खड़े हुए हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं कांग्रेस का सदस्य नहीं हूं। मुझे कांग्रेस से कुछ नहीं चाहिए। मैं यहां सिर्फ सिद्धू का समर्थन करने आया हूं, जो पंजाब का भविष्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”