समाज मे बेटियों के प्रति भेदभाव वाली सोच को करना होगा खत्म, तभी एक बेहतर समाज का कर पाएंगे निर्माण-रेखा आर्या
कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने पतंजलि विश्वविद्यालय,हरिद्वार में “महिला सशक्तिकरण एवं पोषणयुक्त भविष्य” कार्यक्रम में किया प्रतिभाग,बेटियों को भी बेटो के बराबर हक देने की कही बात
हरिद्वार : आज कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने पतंजलि विश्वविद्यालय,हरिद्वार पहुंचकर “महिला सशक्तिकरण एवं पोषणयुक्त भविष्य” कार्यक्रम में प्रतिभाग किया जहां कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया।इस दौरान विश्वविद्यालय के छात्रों ने अपनी विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियों प्रस्तुत की।
कैबिनेट मंत्री ने सभी को संबोधित करते हुए उन्हें कहा कि आज महिलाओं का सशक्तिकरण होना आवश्यक है। आज महिलाएं पुरुषों से किसी भी क्षेत्र में पीछे नही हैं बल्कि वह भी उनके साथ कंधे से कंधे मिलाकर चल रही हैं।
आज बेटियां हर क्षेत्र में देश व प्रदेश का नाम वैश्विक स्तर पर बढाने का काम कर रही हैं।आज महिलाएं सामाजिक,आर्थिक,आध्यात्मिक और राजनैतिक रूप से सशक्त हो रहीं हैं।कहा कि समाज मे बेटियों के प्रति हमारी जो सोच है उसे खत्म करने की जरूरत है तभी हम एक बेहतर समाज का निर्माण कर सकने में सक्षम होंगे।
कहा कि आज हम महात्मा गांधी व लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती भी मना रहे है।उन्होंने सभी से आग्रह करते हुए कहा कि हम सबको उनके विचारों से प्रेरणा लेने की आवश्यकता है और जो मार्ग हमे दिखाए गए हैं उनपर चलने की जरूरत है।आज समाज मे अभी भी पुरुष प्रधान सोच व्याप्त है जिसे की खत्म करने की जरूरत है।प्रकर्ति ने भी बालक व बालिका को समान हक दिए है ऐसे में बालिकाओं के प्रति हमारी भेदभाव वाली सोच को समाप्त करने की नितांत आवश्यकता है।
माननीय प्रधानमंत्री नई ने नई संसद भवन में लोकसभा व विधानसभा में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत का विधेयक लाने का काम किया जिसे नारी शक्ति वंदन बिल नाम दिया गया है। कहा कि निश्चित ही आने वाले समय मे हमारी महिलाएं भी लोकसभा व विधानसभा में प्रतिनिधित्व करती हुई नजर आएंगी। साथ ही कहा कि सशक्त नारी ही सशक्त समाज हैं और जब हम उन्हें सशक्त करेंगे तो वह सशक्त देश व प्रदेश के निर्माण में अपनी भूमिका स्थापित करेंगी।
इस अवसर पर श्रधेय आचार्य बालकृष्ण,प्रतिकुलपति महावीर अग्रवाल , भारतीय शिक्षक बोर्ड के अध्यक्ष एनपी सिंह जी सहित समस्त शिक्षक व छात्र छात्राएं उपस्थित रही।