
देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं वहीं दूसरी ओर उत्तराखंड के राजनीतिक दलों में उठा पठक से सियासत तेज़ हो रही है. कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व सीएम हरीश रावत इन दिनों सुर्खियों में बने हुए हैं. जिसकी वजह चुनाव से ठीक पहले उनके अपने ही नेताओं के खिलाफ बागी सुर हैं. हालांकि, दिल्ली दरबार में हाजिरी लगाने के बाद जब हरदा वापस देहरादून लौटें तो उन्होंने कहा कि मेरे नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाएगा. जिसके लिए अब उन्होंने माफी मांगी है.
हरीश रावत ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा कि ‘कल प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुझसे थोड़ी गलती हो गई, मेरा नेतृत्व शब्द से अहंकार झलकता है. चुनाव मेरे नेतृत्व में नहीं, बल्कि मेरी अगुवाई में लड़ा जाएगा. मैं अपने उस घमंडपूर्ण उद्बोधन के लिए क्षमा चाहता हूं. मेरे मुंह से वह शब्द शोभाजनक नहीं है’.
बता दें कि कुछ दिन पहले पूर्व सीएम हरीश रावत के ट्वीट ने उत्तराखंड राजनीति में सियासी भूचाल ला दिया था. उन्होंने सोशल मीडिया पर पार्टी के ही कुछ लोगों पर चुनाव में साथ नहीं देने का आरोप लगाया था. जिसके बाद हाईकमान ने कांग्रेस नेताओं को दिल्ली बुला लिया था.
गौरतलब है कि आलाकमान ने हरीश रावत को उत्तराखंड में चुनाव प्रचार समिति की कमान सौंपी है. चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष होने के नाते उत्तराखंड में कांग्रेस हरीश रावत की अगुवाई में ही चुनाव लड़ेगी. हरीश रावत जब दिल्ली से लौटकर उत्तराखंड की सीमा में पहुंचे तो वो खुली कार में सवार थे. हरीश रावत कार के ऊपर ढोल बजाते नजर आए. ये तस्वीरें बता रही थी कि उत्तराखंड कांग्रेस में फिलहाल सबकुछ ठीक हो गया.