अजब गजबविविध

ब्रेकिंग: सोशल मीडिया को लेकर सरकार ने कही ये महत्वपूर्ण बात

नई दिल्ली:- केंद्र सरकार ने बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) से कहा कि किसी व्यक्ति की आजादी और स्वतंत्रता की राह में सामाजिक और तकनीकी प्रगति की फिसलन के कारण रोड़े नहीं अटकाए जा सकते हैं और सोशल मीडिया मंचों (Social Media) को नागरिकों के मौलिक अधिकारों का सम्मान करना चाहिए और भारत के संविधान के अनुरूप होना चाहिए।

ब्रेकिंग: एक्शन में वन मंत्री सुबोध! भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ खोला मोर्चा

माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म द्वारा अपने खाते को निलंबित करने के खिलाफ एक ट्विटर यूजर्स की याचिका के जवाब में दाखिल हलफनामे में केंद्र सरकार ने कहा कि सोशल मीडिया मंच को खाते को स्वयं बंद नहीं करना चाहिए या सभी मामलों में इसे पूरी तरह से निलंबित नहीं करना चाहिए।

ब्रेकिंग उत्तराखंड: जेब ढीली करने को रहें तैयार बिजली-पानी उपभोक्ता

केंद्र ने समझाया कि एक मंच उपयोगकर्ता को पूर्व सूचना दे सकता है और विशिष्ट जानकारी या सामग्री को हटाने की मांग कर सकता है जो उसकी नीतियों या लागू सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थ दिशानिर्देश) नियमों का उल्लंघन करती हैं और केवल उन मामलों में जहां अधिकांश सामग्री/पोस्ट/ट्वीट एक उपयोगकर्ता खाते में अवैध हैं, तो मंच पूरी जानकारी को हटाने या पूरे खाते को निलंबित करने का कदम उठा सकता है।

ब्रेकिंग: दहाड़ मार रहे गुलदार की तड़प-तड़प कर मौत! मुकदमा दर्ज

सरकार ने कहा कि पूरी तरह से ‘डी-प्लेटफॉर्मिंग’ (मंच से उपयोगकर्ता को हटाना) भारत के संविधान के अनुच्छेद 14, 19 और 21 की भावना के खिलाफ है और यदि केवल कुछ हिस्सा या सामग्री गैरकानूनी है, तो मंच सिर्फ ऐसी कथित जानकारी को हटाने की आनुपातिक कार्रवाई कर सकता है और उपभोक्ता खाता पूरी तरह से निलंबित नहीं कर सकता है।

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा वकील मनीष मोहन के माध्यम से दायर हलफनामे में कहा गया, ‘मंच को नागरिकों के मौलिक अधिकारों का सम्मान करना चाहिए और खाते को स्वयं बंद नहीं करना चाहिए या सभी मामलों में उपयोगकर्ता खाते को पूरी तरह से निलंबित नहीं करना चाहिए।

बिग ब्रेकिंग गढ़वाल: 2 और शिक्षकों पर गिरी गाज! निलंबित! जानें मामला..

पूरी जानकारी या उपयोगकर्ता खाते को हटाना एक अंतिम उपाय होना चाहिए और मंच हर समय, नैसर्गिक न्याय के सिद्धांतों का पालन करके उपयोगकर्ताओं के मौलिक अधिकारों की रक्षा करने का प्रयास कर सकता है और, उपयोगकर्ता को समझाने के लिए उचित समय और अवसर प्रदान कर सकता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button