
देश के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत का हेलिकॉप्टर तमिलनाडु के कुन्नूर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया है। चौपर के क्रैश होने के बाद उसमें आग लग गई। तमिलनाडु के कुन्नूर भारतीय वायुसेना के हेलिकॉप्टर क्रैश को लेकर प्रधानमंत्री आवास, लोक कल्याण मार्ग पर सुरक्षा पर केंद्रीय मंत्रिमंडल की सुरक्षा संबंधी समिति (सीसीएस) बैठक बुलाई गई है.
आज शाम 6.30 बजे इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण और विदेश मंत्री एस जयशंकर मौजूद रहेंगे. बता दें कि बुधवार को तमिलनाडु के कुन्नूर में भारतीय वायुसेना का हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया है जिसमें सीडीएस जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत 14 लोग सवार थे. हादसे में 13 लोगों की मौत की पुष्टि हो गई है.
वायुसेना ने कहा है कि दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए जांच के आदेश दे दिए गये हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस घटना पर कल संसद में बयान जारी करेंगे। इससे पहले वह आज जनरल बिपिन रावत के दिल्ली स्थिति आवास पर पहुंचे थे और परिजनों से मुलाकात की थी।
तमिलनाडु में सीडीएस जनरल बिपिन रावत के चौपर क्रैश होने की घटना में 13 लोगों की मौत हुई है। ये सभी शव इतनी बुरी तरह से जल गए हैं कि उनकी पहचान डीएनए टेस्टिंग से की जाएगी। न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है।
तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन हेलिकॉप्टर क्रैश हादसे वाली जगह के लिए निकले हैं। वह मौके पर पहुंचकर हालात का जायजा लेंगे। इस बीच एयरफोर्स के चीफ वीआर चौधरी भी दिल्ली से रवाना हुए हैं।
सीडीएस जनरल बिपिन रावत के तमिलनाडु में चौपर क्रैश होने के मामले में कल संसद में बयान जारी करेगी सरकार। जनरल बिपिन रावत के घर भी पहुंचे थे डिफेंस मिनिस्टर राजनाथ सिंह। डिफेंस मिनिस्टर राजनाथ सिंह सीडीएस जनरल बिपिन रावत के घर पहुंचे हैं।
इस हादसे के बाद से उत्तराखंड के लोग भी बेचैन हैं। लोग देवभूमि के बेटे के बारे में जानने के लिए बेचैन हैं। उनके परिजन भी चिंतित हैं. आपको बता दें कि सीडीएस बिपिन रावत उत्तराखंड से ताल्लुक रखते हैं। बिपिन रावत पौड़ी जिले के द्वारीखाल ब्लाक के सैंण गांव के मूल निवासी हैं। उनकी पत्नी उत्तरकाशी जिले से हैं। जनरल बिपिन रावत थलसेना के प्रमुख रहे हैं।
रिटायरमेंट से एक दिन पहले बिपिन रावत को देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) बनाया गया। पिता लेफ्टिनेंट जनरल लक्ष्मण सिंह रावत सेना से लेफ्टिनेंट जनरल के पद से सेवानिवृत्त हुए। रावत ने 11वीं गोरखा राइफल की पांचवीं बटालियन से 1978 में अपने करियर की शुरुआत की थी।
उन्होंने देहरादून में कैंब्रियन हॉल स्कूल, शिमला में सेंट एडवर्ड स्कूल और भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून से शिक्षा ली है।
रावत को आईएमए में उन्हें सर्वश्रेष्ठ स्वोर्ड ऑफ ऑनर सम्मान से भी नवाजा गया था। परिवार वालों का कहना है कि उनके परिवार में सभी बच्चों के सामने जनरल बिपिन और उनके पिता का उदाहरण पेश किया जाता है। सीडीएस बिपिन रावत अधिक ऊंचाई वाले स्थान पर युद्ध और आतंकवाद विरोधी गतिविधियों की खासा जानकारी और अनुभव रखते हैं।
उन्होंने पूर्वी सैक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर इंफेंट्री बटालियन की कमान संभाली है। उन्होंने कश्मीर घाटी में राष्ट्रीय राइफल्स और एक इंफेंट्री डिविजन की कमान संभाली है। जनरल रावत ने सेना मुख्यालय की सेना सचिव शाखा में भी महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है। वे पूर्वी कमान मुख्यालय में मेजर जनरल, जनरल स्टाफ भी रहे हैं। उन्होंने कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में चैप्टर-7 मिशन में बहुराष्ट्रीय ब्रिगेड की कमान संभाली है।
लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन और हायर कमांड एंड नेशनल डिफेंस कॉलेज कोर्सेज के पूर्व छात्र हैं। उन्हें वीरता और विशिष्ट सेवा के लिए पुरस्कृत भी किया गया है, जिनमें यूवाईएसएम, एवीएसएम, वाईएसएम, एसएम, वीएसएम, सीओएएस प्रशस्ति शामिल हैं। संयुक्त राष्ट्र के साथ काम करते हुए उन्हें दो बार फोर्स कमांडर प्रशस्ति पुरस्कार प्राप्त हुए हैं।