
देहरादून: चुनाव की तैयारियों को लेकर पार्टियों के दौरे जारी हैं। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव-2022 में ज्यादा समय नहीं बचा है। ऐसे में सभी राजनीतिक पार्टियों ने कमर कस ली है। उत्तराखंड में 2022 का चुनावी दंगल में जीत हासिल करने के लिए हर दल जनता को मुफ्त सुविधाएं देने का वादा कर रहा है।
दरअसल मुफ्त बिजली, पानी, रोजगार, बेरोजगारी भत्ता सहित कई मुद्दों को लेकर बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी सहित क्षेत्रीय दलों ने जनता का सपने दिखाने शुरू भी कर दिए हैं। ऐसे में देवभूमि की राजनीति के खिलाड़ी माने जाने वाले पूर्व सीएम हरीश रावत भला कहां पीछे रहने वाले हैं, सो लगे हाथ उन्होंने ने भी ‘स्मार्ट टेक्नोलॉजी’ का चुनावी वादा कर दिया है।
हरदा ने कहा सत्ता में आने के बाद कांग्रेस नौजवान लड़के-लड़िकयां सहित 50 साल तक की ग्रामीण महिलाओं को स्मार्ट फोन यूजेज और टेक्नोलॉजी नॉलेज देने का काम करेगी। उन्होंने ट्वीट किया कि स्मार्ट फोन यूज करना और उससे कनेक्टेड टेक्नोलॉजी से अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए उपयोग करना, यह एक बड़ी शिक्षा है।
कांग्रेस सत्ता में आएगी तो न केवल नौजवान लड़के-लड़कियों को बल्कि 50 साल तक के ग्रामीण महिलाओं को स्मार्ट फोन यूजेज और टेक्नोलॉजिकल नॉलेज को देने के लिये जगह-जगह गांव के पास में कोचिंग सेंटर स्थापित किए जाएंगे। उसके लिए एक दक्ष नौजवानों की टीम को नियुक्त किया जाएगा।
ताकि उत्तराखंड स्मार्टफोन टेक्नोलॉजी के यूज में दूसरे क्षेत्रों से आगे निकल सकें। जिससे हमारे नौजवान वर्क फ्रॉम होम के कंसेप्ट का फायदा उठाकर रोजगार का अर्जन कर सकें। इससे पलायन रुकेगा, घर बैठे आमदनी बढ़ेगी और राज्य का टेक्नोलॉजिकल टेंपरामेंट बनेगा। वहीं आम आदमी पार्टी के संयोजक एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उत्तराखंड में युवाओं के लिए छह बड़ी घोषणाएं की।
बता दें कि फिलहाल हरीश रावत पंजाब में हैं, जहां सियासी संग्राम मचा हुआ है। बतौर कांग्रेस पंजाब प्रभारी हरीश रावत कांग्रेस में सिद्दू और सीएम कैप्टन अमरिंदर के बीच मध्यस्थता कराने में असफल रहे। जिसका नतीजा रहा कि पंजाब के सीएम ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
वहीं, पंजाब में बैठे-बैठे हरदा को उत्तराखंड की टेंशन बनी हुई है। प्रदेश कांग्रेस परिवर्तन यात्रा के जरिए जनाधार जुटाने में जुटी है। 2022 में उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में कांग्रेस को बहुमत दिलाने की अहम जिम्मेदारी हरदा के कंधों पर भी है।