उत्तराखंडराजनीति

उतराखण्डियों को कभी मिलेगा इन राष्ट्रीय पार्टीयों से सख्त भू-कानून

रिपोर्ट भगवान सिंह :गढ़वाल संसदीय क्षेत्र पूर्व लोकसभा प्रत्याशी इंजीनियर डीपीएस रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य बने आज 21 वर्ष पूरे होने वाले है पर अपनी ही जमीन को बचाने के लिये राष्ट्रीय पार्टी बीजेपी कांग्रेस से पिछले 20 सालो से आम जनता को क्यों अपनी जमीन को बचाने के लिये भीख मांगने की नोबत क्यो आ रही है?

उत्तराखण्ड का टोटल क्षेत्रफल 53.483 बर्ग किलोमीटर है इसमें 92.57 फीसदी भाग पर्वतीय है और 7.43 भाग मैदानी है कुल भूमि का 65 फीसदी वन विभाग के पास है जिसे हम जिसे वन भूमि कहते है। आखिर क्या कारण है पहले कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री नारयण दत्त तिवारी ने 500 वर्ग मीटर रखी थी, उसके बाद फिर बीजेपी के मुख्यमंत्री खण्डूरी आये। उन्होंने 250 वर्ग मीटर कर दी फिर बीजेपी के त्रिवेन्द्र सिंह रावत आए 2018 में भू-कानून में पुनः संशोधन करके बाहरी राज्यो के लोगो के लिये जमीन खरीद की पूरी सीमा खत्म ही कर दी थी, पहाड़ो में खुलकर ज़मीन खरीदो?

इं० डीपीएस रावत ने कहा कि वर्ष 2008 और 2009 तक पूरे प्रदेश मे 13 प्रतिशत (7.7 लाख हेक्टेयर) क्षेत्र में कृषि होती थी। जो 2020 मे 6.48 लाख हेक्टेयर रह गई। अगर बीजेपी कांग्रेस सरकारों का यही सिलसला रहा तो आने वाले दिनों में हमारी खेती की जमीन खत्म हो जायेगी और हमारे पास कुछ नहीं बचेगा। हमारा जंगल जमीन पानी बाहरी को बेच देगी।

उत्तराखंड के किसानों के लिये सख्त भू-कानून चाहिये। इसके लिये बड़े पैमाने पर भूमि सुधार करना होगा क्योंकि उत्तराखण्ड के पहाड़ो में सबसे अधिक सीमांत किसान है। राज्य सरकार हिम्मत तो दिखाए खाली पड़ी जमीन पर चकबन्दी योजनाएं लाये ताकि भूमि सुधार हो। पहाड़ो में खाली बंजर भूमि पर बाहरी राज्यो के लोगो की नज़र पड़ी हैं। क्योंकि आये दिन पहाड़ो में लोगो की जमीनों पर कब्जा हो रहा है।

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