उत्तराखंड

हिंदूओ की कानूनी लड़ाई के लिए धोती कुर्ता पहनकर कोर्ट पहुंचे हिन्दुवादी नेता कमल मुनिजी का अधिवक्ताओं ने किया स्वागत, बोले हिन्दुओं को न्याय दिलाना मेरी पहली प्राथमिकता

हिंदूओ की कानूनी लड़ाई के लिए धोती कुर्ता पहनकर कोर्ट पहुंचे हिन्दुवादी नेता कमल मुनिजी का अधिवक्ताओं ने किया स्वागत, बोले हिन्दुओं को न्याय दिलाना मेरी पहली प्राथमिकता।

रिपोर्टर -गौरव गुप्ता। हल्द्वानी

हल्द्वानी विगत लम्बे समय से हिन्दुओंं के हक की सड़क पर लड़ाई लड़ रहे पूर्व में विश्व हिन्दू परिषद के जिला मंत्री एव बजंरग दल के कुमाऊँ संयोजक तथा वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के प्रदेश मंत्री तथा हिन्दूवादी नेता कमल मुनि अब हिन्दूओ की लड़ाई न्यायलय में लडेगें। बतौर कमल मुनिजी ने भारतीय संस्कृति की पंरपरा को जीवित रखने और बढ़ावा देने के लिए हल्द्वानी न्यायालय में धोती कुर्ता पहनकर एंट्री की है। उनकी एंट्री से हिन्दूओं में न्याय की आस जगी है। कमल मुनिजी ने हल्द्वानी न्यायालय की बार एसोसिएशन में अधिवक्ता के रूप में अपना पंजीकरण कर लिया है। इधर न्यायालय में मौजूद अधिवक्ताओं ने भी कमल मुनि को मिठाई खिलाकर बधाई दी है।

 

इस मौके पर कमल मुनि ने कहा कि भारतीय संस्कृति में धोती कुर्ता एक पारंपरिक पहनावा है जिसका उपयोग पुरुष धार्मिक और सांस्कृतिक समारोहों में करते हैं। जिसमें स्वतंत्रता सेनानियों ने भी इसे अपनाया है। कोर्ट में वकिलों के लिए ड्रेस कोड में सामान्यत काला कोट और सफेद बैड शामिल होता है।

कोर्ट में धोती कुर्ता पहनने की अनुमति है भारतीय संस्कृति को प्रांरभ करते हुए वे धोती कुर्ता पहनकर कोर्ट में कोर्ट में जातें हैं जहां फरियादियों और पीड़ितों के लिए पैरवी करते हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति को बचाने और इसको आगे बढ़ाने के लिए इस तरह का कदम उठाया है क्योंकि वह सनातन धर्म से जुड़े हुए हैं और लोगों को इस तरह के प्रधान पहनने के लिए अन्य अधिवक्ताओं को जागरूक भी कर रहे हैं।

इसके अलावा उन्होंने कहा कि पिछले लम्बे समय से विश्व हिन्दू परिषद तथा बजंरग दल में रहकर वह हिन्दुओं की हर छोटी बड़ी लडाई आन्दोलन के माध्यम से लड़ते आये है। उन्होंने कहा कि कुछ मामलों में हिन्दुओं को न्याय नही मिल पाता है जिसके लिए उन्हें न्यायालय में दो चार होना पड़ता है साथ ही उनकी लडाई के लिए सही वकिल भी नही मिल पाते थे। उन्होंने कहा कि इन सब को देखते हुए उन्होंने वकालत का रास्ता अपनाया है। उन्होंने कहा कि अब वह वकालत के माध्यम से हिन्दुओं को न्यायालय दिलाएंगे। उन्होंने कहा कि हर गरीब असहाय और हिन्दुओं के लिए उनके दरवाजे हमेशा खुले है।

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