उत्तराखंड

“कैँचीधाम मंदिर में आपात स्थिति के दृष्टिगत किया गया मॉक ड्रिल ऑपरेशन”

“कैँचीधाम मंदिर में आपात स्थिति के दृष्टिगत किया गया मॉक ड्रिल ऑपरेशन”

रिपोर्टर गौरव गुप्ता।

आज 10/05/2025 को देश में विगत कुछ दिनों से बनी आपात स्थिति की संभावनाओं को दृष्टिगत रखते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रहलाद नारायण मीणा, जनपद नैनीताल के निर्देशानुसार भवाली क्षेत्र स्थित कैँचीधाम नीब करोरी बाबा मंदिर, जो कि एक धार्मिक व संवेदनशील स्थल है, वहां मॉक ड्रिल (Mock Drill) का आयोजन किया गया।

इस मॉक ड्रिल का नेतृत्व पुलिस अधीक्षक अपराध डॉ0 जगदीश चंद्रा द्वारा किया गया। ऑपरेशन से पूर्व सभी सुरक्षा एजेंसियों जैसे कि SSB, ATS, IRB, PAC, QRT, TP, SDRF, FIRE UNIT, WT तथा स्थानीय पुलिस बल को निर्देशित एवं ब्रीफ किया गया।

मॉक ड्रिल की परिकल्पना के अनुसार सूचना दी गई। इसी परिप्रेक्ष्य में समस्त टीमें त्वरित रूप से अपने-अपने टास्क में सक्रिय हुईं।

निरीक्षक ललिता पाण्डेय द्वारा मंदिर समिति के पीए सिस्टम के माध्यम से श्रद्धालुओं को सूचित किया गया कि यह एक मॉक ड्रिल है और उन्हें दिए गए निर्देशों का पालन करना है।
ATS टीम ने फील्ड क्राफ्ट की तकनीक के माध्यम से संदिग्ध कमरे तक पहुंच बनाई।
SSB टीम ने इनर और आउटर कॉर्डन लगाकर क्षेत्र को सुरक्षित किया।
ऑपरेशन के दौरान 03 आतंकवादी मौके पर ढेर कर दिए गए एवं 02 घायल अवस्था में गिरफ्तार किए गए।

SDRF और QRT टीमों द्वारा घायलों को सुरक्षित रेस्क्यू कर अस्पताल भेजा गया तथा मृतकों का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम हेतु रवाना किया गया।

WT टीम द्वारा पूरे घटनाक्रम की वीडियोग्राफी की गई।

मॉक ड्रिल की समाप्ति पर SP क्राइम द्वारा सभी टीमों को ब्रीफिंग दी गई।
इस ऑपरेशन में शामिल समस्त बलों के समन्वय एवं दक्षता की सराहना श्रद्धालुओं द्वारा खुले मन से की गई और “भारत माता की जय” के नारों के साथ पुलिस बल का उत्साहवर्धन किया गया।

इस मॉक ड्रिल में निम्न अधिकारी व बल शामिल रहे:
SP क्राइम जगदीश चंद्रा, CO भवाली प्रमोद शाह, प्रभारी निरीक्षक भवाली उमेश मलिक, निरीक्षक यातायात महेश चंद्रा, निरीक्षक संचार राजकुमार विष्ट, प्रतिसार निरीक्षक हरकेश सिंह, निरीक्षक ललिता पाण्डेय सहित SSB 40, IRB 16, SDRF 06, FIRE UNIT 09, QRT 10, ATS 06, WT 06, TG 03, LIU 04, थाना भवाली पुलिस 25, चिकित्सा विभाग 06 कर्मचारीगण मौजूद रहे।

यह मॉक ड्रिल सफलतापूर्वक संपन्न हुई, जिससे भविष्य में आपात परिस्थितियों से निपटने की तत्परता एवं समन्वय का स्तर स्पष्ट रूप से परिलक्षित हुआ।

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