
रिपोर्ट भगवान सिंह: एक ऐसा स्कूल जो लगभग 20 वर्षों से गाँव के सभी जरूरतमंद और गरीब छात्रों की शिक्षा का बेड़ा उठाये हुवे था, जहां से न जाने कितने छात्रों ने शिक्षा प्राप्त करी है, और वर्तमान में भी कर रहे हैं , हालांकि यह स्कूल किसी भव्य इमारत में नहीं चल रहा है , एक टीन शेड के तले ही इसमें शिक्षा दी जाती है । लेकिन विगत कुछ समय से इसकी दशा बहुत ही दयनीय होती जा रही है.
वास्तव में जो संस्था इस स्कूल को विगत 20 वर्षों से चला रही थी अब वह इसे अनदेखा कर रही है , पिछले लगभग 18 महीनों से यहां कार्यरत शिक्षकों का वेतन इस संस्था द्वारा नहीं दिया गया है , जबकि कोरोना महामारी के दौरान शिक्षकों द्वारा छात्रों को ऑनलाइन शिक्षा प्रदान की जाती रही है , हालांकि कुछ व्यक्तियों /संस्थाओं ने इसके जीर्णोद्धार के लिए समय समय पर अपना योगदान भी दिया है जो कि प्रयाप्त नहीं हो पाता है ।
विदित है कि अब उत्तराखण्ड सरकार के आदेशानुसार प्राथमिक विद्यालय खोल दिये गए हैं लेकिन यह स्कूल अभी भी छात्रों के लिए बंद है , कारण शिक्षकों का वेतन न दिया जाना ! यहां कार्यरत शिक्षकों को भी अपनी आजीविका चलाने हेतु आर्थिक सहायता की परम आवश्यकता है , और आर्थिक सहायता के अभाव में वे भी स्कूल आने में असमर्थ हैं , जिस कारण छात्र सुबह स्कूल तो आते हैं लेकिन बन्द दरवाजा देख कर निराश हो कर वापस लौट जाते हैं , आखिर इन बच्चों का क्या कसूर है, क्यों इन्हें शिक्षा से वंचित होना पड़ रहा है?
इस स्कूल में गावँ के लगभग 30 से 40 छात्र शिक्षारत हैं जो कि गावँ के आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों से संबंध रखते हैं , इनके पास इस स्कूल के अलावा और कोई चारा नही है जहां ये शिक्षा प्राप्त कर सकें , ये आर्थिक रूप से इतने सामर्थ्य नही हैं कि शहर जा कर शिक्षा प्राप्त कर सकें । वास्तव में इन छोटे बच्चोँ का भविष्य अंधकार में है । यह स्कूल है श्री नीलकंठ महादेव शिशु मंदिर मल्ली तलाई , यमकेश्वर ब्लॉक , पौड़ी गढ़वाल , उत्तराखंड ।
आप सभी दयालु और बुद्धिमान समाज सेवियों से विन्रम निवेदन है कि इस विकट परिस्थिति में इन बच्चों का साथ दें जो कि शिक्षा पाने से वंचित हो रहे हैं , इनका भविष्य आप सबके हाथों में है , आप से जिस भी प्रकार की सहायता हो सके जरूर करें ।।