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ब्रेकिंग: चुनाव आयोग BJP के जवाब से संतुष्ट नहीं! दी सख्त चेतावनी

देहरादून:  चुनाव आयोग (ईसी) ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की तस्वीर से छेड़छाड़ के मामले में अब उत्तराखंड भाजपा को भविष्य में और अधिक सावधान रहने की चेतावनी दी है। आयोग ने पार्टी को आचार संहिता के सभी प्रावधानों का पालन करने की सलाह दी है। चुनाव आयोग ने पूर्व सीएम हरीश रावत की तस्वीर से छेड़छाड़ के मामले में सख्त रुख अख्तियार किया है।

इस मामले में कांग्रेस नेताओं ने शुक्रवार को उत्तराखंड की मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या से मुलाकात कर बीजेपी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। मामले में चुनाव आयोग ने उत्तराखंड बीजेपी को भविष्य में और अधिक सावधान रहने की चेतावनी दी है.। आयोग ने पार्टी को आचार संहिता के सभी प्रावधानों का पालन करने की सलाह दी है।

चुनाव आयोग के एक आदेश में कहा गया है कि उत्तराखंड बीजेपी की ओर से यह कहा गया कि ट्वीट का उद्देश्य न तो आदर्श आचार संहिता के किसी प्रावधान का उल्लंघन करना था, न ही धर्म, जाति, जाति और भाषा के आधार पर समूहों के बीच कोई मतभेद पैदा करना था। बीजेपी ने चुनाव आयोग को बताया कि ट्वीट को उसके आधिकारिक ट्विटर हैंडल से हटा दिया गया है। लेकिन चुनाव आयोग को बीजेपी का जवाब संतोषजनक नहीं लगा है।

मामले में चुनाव आयोग ने आदेश जारी कर उत्तराखंड बीजेपी को भविष्य में और अधिक सावधान रहने की चेतावनी दी है। साथ ही आदर्श आचार संहिता के सभी प्रावधानों और आयोग के अन्य दिशा-निर्देशों का पालन करने की सलाह दी है। गौर हो कि मुस्लिम यूनिवर्सिटी मामले में पूर्व सीएम हरीश रावत की तस्वीर से छेड़छाड़ के मामले में चुनाव आयोग ने बीजेपी से 24 घंटे के भीतर जवाब मांगा था।

दरअसल, मुस्लिम यूनिवर्सिटी से जुड़ी वीडियो वायरल होने के बाद भाजपा ने कांग्रेस को आड़े हाथ लिया था। भाजपा युवा मोर्चा के राष्ट्रीय मंत्री तजिंदर पाल सिंह बग्गा ने एक तस्वीर ट्वीट की थी। कांग्रेस ने लिखित शिकायत में आरोप लगाया है कि हरीश रावत की तस्वीर के साथ छेड़छाड़ करके तजिंदर पाल सिंह बग्गा और तीन फरवरी को रात 9:34 बजे भाजपा के ट्विटर हैंडलर बीजेपी4यूके से भी रीट्वीट किया गया।

आरोप में यह भी कहा गया है कि बात यहीं तक नहीं रुकी बल्कि हरीश रावत को निशाना बनाते हुए ट्वीट किया गया। पूरे मामले की शिकायत आने के बाद चुनाव आयोग ने संज्ञान लिया। आयोग का कहना है कि भाजपा के यह ट्वीट उत्तेजक हैं और गंभीरता से भावनाओं को भड़का सकते हैं। कानून और व्यवस्था की स्थिति को खराब कर सकते हैं, जिससे चुनाव प्रक्रिया पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।

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