
देहरादून: स्वास्थ्य शिक्षा में भले ही महानिदेशक का पद सृजित ना किया गया हो पर अधिकारी जरूर महानिदेशक के पद पर काबिज किए जा रहे हैं। आलम यह है कि खुद स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत और कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत भी टेक्निकल पदों पर आईएएस अधिकारियों को ना बैठाने के पक्षधर रहे हैं।लेकिन एक बार फिर मंत्रियों की लाख कोशिशों के बावजूद भी शासन से आईएएस को ही इन पदों पर काबिज किया जा रहा है।
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दरअसल चिकित्सा शिक्षा विभाग में निदेशक तक का ही ढांचा स्वीकृत किया गया था लेकिन राज्य की ब्यूरोक्रेसी ने अपने हिसाब से ही इन पदों को तोड़ना मरोड़ना शुरू कर दिया है।
आलम यह है कि पहले चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक के पद पर पंकज पांडे के बाद सी रविशंकर और अब आशीष श्रीवास्तव को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है।
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जानकारों की मानें तो चिकित्सा शिक्षा विभाग का ढांचा ही निदेशक तक स्वीकृत है लेकिन अधिकारियों की नियुक्त महानिदेशक पद पर की जा रहा है।
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