उत्तराखंड

लालकुआँ नगर में बेसहारा जानवर बने आमजन के लिए मुसीबत, प्रशासन की लापरवाही से बढ़ रहा खतरा

लालकुआँ नगर में बेसहारा जानवरों की बढ़ती आबादी शहरवासियों के लिए मुसीबत बनती जा रही है।ये जानवर राह चलते व्यक्ति के लिए कब काल बन जाएं, कुछ नहीं पता।

नगर की मुख्य बाजार सहित विभिन्न वार्डों में बेसहारा जानवरों के घूमने से लोगों को काफी परेशानी हो रही है। बेसहारा जानवरों को पकड़ कर गौशाला तक पहुंचाए जाने का नगर पंचायत का फोटोशूट अभियान इन दिनों हवाई साबित हो रहा है।

लगता है कि नगर पंचायत प्रशासन किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है। वही सड़क चलने वाले जानवरों की जद में आकर कई लोग घायल हो चुके हैं तो कई मौत के मुंह में समा गए।

जबकि इनके बीच सड़क पर खड़ा हो जाने से यातायात व्यवस्था भी बाधित हो रही है। ऐसे में मुख्य मार्ग पर चलना खतरे से खाली नहीं है। बेसहारा जानवरों से लोगों के बीच हादसे की दहशत बनी रहती है।वही नगर पंचायत की बात करें तो वह कहीं न कहीं अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहा हैं।

बताते चले कि लालकुआँ शहर की सड़कों पर घूमने वाले बेसहारा जानवर इन दिनों आमजन के लिए परेशानी का सबब बने हुए है। शहर की सड़कों पर आवारा जानवरों की संख्या लगातार बढ़ रही है लालकुआँ मुख्य बाजार की स्थिति बहुत ही भयावह है।

यह दर्जनों आवारा पशु घूमते और बैठे रहते हैं। जिनसे दुर्घटनाएं होने की आशंका बनी रहती है। पूर्व में इन पशुओं से टकराने के कारण कई लोगों की जान भी जा चुकी है,फिर भी नगर पंचायत के अधिकारी इस ओर बेपरवाह नजर आ रहे हैं।

गोवंशों को पकड़ने के लालकुआँ नगर पंचायत बड़े-बड़े दावे तो कर रहा है लेकिन हकीकत कुछ ओर ही है पिछले कुछ दिनों पूर्व नगर पंचायत द्वारा की गई फोटोशूट कार्यवाई में कुछ जानवर पकड़े गए थे लेकिन हुआ क्या “ढाक के तीन पात” फिलहाल यह जनवर दिन पे दिन लोगों के लिए काल साबित हो रहें हैं।

इधर नगरवासियों ने जिला प्रशासन से मांग कि है कि शहर में विभिन्न मार्गों पर बैठे एवं घूमने वाले बेसहारा जानवरों को पकड़कर गोशालाओं में भेजा जाए ताकि आमजन इन सड़कों से आसानी से निकल सके।

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