ईगास बग्वाल में झलकी उत्तराखंडी अस्मिता — टिहरी स्मृति मंच ने देहरादून में किया भव्य आयोजन

देहरादून, 2 नवम्बर 2025
टिहरी स्मृति एवं विस्थापित एकता मंच द्वारा उत्तराखंड राज्य के 25 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में लोकपर्व ईगास बग्वाल का भव्य आयोजन प्रेस क्लब, देहरादून में आयोजित किया गया। यह आयोजन उत्तराखंड की लोक संस्कृति, परंपरा और एकता की भावना को समर्पित रहा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था अध्यक्ष विनोद उनियाल द्वारा की गई, विशिष्ट अतिथि के तौर पर टिहरी प्रतिकृति के निर्माता सुबोध बहुगुणा एवं रामकृष्ण लीला समिति टिहरी 1952 देहरादून (पंजी) के अध्यक्ष अभिनव थापर की रहे, उत्तरांचल प्रेस क्लब के अध्यक्ष भूपेन्द्र कंडारी ने अतिथि स्वरूप कार्यक्रम में उपस्थिति दर्ज की। कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ, जिसके पश्चात् सभी विशिष्ट अतिथियों , अतिथियों और संस्था अध्यक्ष का पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया गया।
इसके पश्चात हिल फाउंडेशन की बालिकाओं द्वारा प्रस्तुत गणेश वंदना ने पूरे वातावरण को भक्ति और उल्लास से भर दिया।
संस्था अध्यक्ष एवं राज्यमंत्री विनोद उनियाल ने स्वागत अभिवादन करते हुए कहा कि “ईगास बग्वाल हमारी सांस्कृतिक अस्मिता का प्रतीक है। यह पर्व हमें अपनी परंपराओं और जड़ों से जोड़ता है तथा सामुदायिक एकता की भावना को सशक्त करता है।”
इसके बाद तबला वादक निकुंज ध्यानी ने अपनी मनमोहक प्रस्तुति से सभी का दिल जीत लिया।
अभिनव थापर, अध्यक्ष श्री रामकृष्ण लीला समिति टिहरी1952, देहरादून (पंजी.), ने अपने संबोधन में कहा कि लोक पर्व हमारी पहचान हैं और इन्हें पूरे उत्साह के साथ मनाना चाहिए। और इनके द्वारा पुनर्जीवित की गई टिहरी की प्राचीन रामलीला ने युवा पीढ़ी तक सांस्कृतिक धरोहर को पहचाने का काम किया है।
सुबोध बहुगुणा जी, निर्माता टिहरी प्रतिकृति 46 बल्लूपुर, ने अपने उद्बोधन में टिहरी की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और संवर्द्धन की दिशा में मंच के प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन समाज को अपनी मूल संस्कृति से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
कार्यक्रम में उपस्थित गणमान्य नागरिकों में पल्लवी पैन्यूली, नीलम कपलवां, रीना बहुगुणा, इंदु बहुगुणा, जोत सिंह बिष्ट, चन्द्र स्वामी, प्रमोद बहुगुणा, विनोद बहुगुणा, विमल स्वरूप बहुगुणा सहित कई सामाजिक कार्यकर्ता एवं सांस्कृतिक प्रेमी शामिल रहे।
सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के बाद उत्कृष्ट प्रतिभागियों को पुरस्कार प्रदान किए गए।
कार्यक्रम का संचालन प्राची जुयाल द्वारा किया गया, जिन्होंने संयम और गरिमा के साथ पूरे आयोजन को सजीव बनाया।
कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिसके पश्चात पारंपरिक “भेलों खेल” और स्वादिष्ट पहाड़ी जलपान का आनंद लिया गया।
कार्यक्रम उत्साह, उमंग और उत्तराखंडी संस्कृति की जीवंतता से परिपूर्ण रहा।







