बड़े वाहनों की नो-एंट्री को लेकर नगर पंचायत अध्यक्ष और व्यापारी आमने सामने

बड़े वाहनों की नो-एंट्री को लेकर नगर पंचायत अध्यक्ष और व्यापारी आमने सामने, प्रशासन की बैठक में एकजुट दिखे शहर के व्यापारी और ट्रासपोर्टर,वाहनों की नो एंट्री को बताया गलत,दी आन्दोलन की चेतावनी।
रिपोर्टर-गौरव गुप्ता।लालकुआँ
लालकुआँ नगर पंचायत अध्यक्ष द्वारा जिला प्रशासन को भेजे गए शहर में भारी वाहनों की”नो-एंट्री”को लागू करने के प्रस्ताव का आज शहर के सैकड़ों ट्रक स्वामियों तथा ट्रासपोर्टरों एवं खनन व्यवसायियों तथा किराना व्यापारियों ने जमकर विरोध किया है।
इधर नगर पंचायत अध्यक्ष द्वारा भेजे गए जिला प्रशासन को “नो एंट्री”लागू करने के प्रस्ताव पर आज लालकुआँ पुलिस क्षेत्राधिकारी दीपशिखा अग्रवाल के नेतृत्व में क्षेत्र के सभी व्यापारियों की एक बैठक आयोजित की गई। जिसमें परिवहन विभाग,राजस्व विभाग, पुलिस प्रशासन के साथ साथ व्यापार मंडल और खनन संघर्ष समिति तथा ट्रक एंड ट्रासपोर्ट एशोसिएशन के पदाधिकारी भी मौजूद रहे। जिन्होंने प्रशासन के सामने नगर पंचायत अध्यक्ष द्वारा वाहनों की “नो एंट्री”को लेकर भेजे गए प्रस्ताव का एकजुट होकर विरोध किया साथ ही प्रशासन से शहर में किसी तरह की “नो एंट्री” नही लगाने की मांग।
वही आयोजित बैठक में पहुंचे नगर पंचायत के अध्यक्ष सुरेन्द्र लोटनी का तर्क था कि यह कदम शहर की यातायात व्यवस्था की सुधार में मिल का पत्थर सबित होगा तथा बढ़ती दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी। उन्होंने कहा कि बड़े वाहनों की”नो एंट्री”लागू होने से शहर में आये दिन लगने वाले जाम से भी निजात मिलेगी। उन्होंने प्रशासन से नो एंट्री को लेकर उचित कदम उठाने की मांग।
इधर मौजूद ट्रासपोर्टरों एंव खनन व्यवसायियों तथा व्यापारी नेताओं ने कहा कि लालकुआँ में बाईपास ना होने से शहर में भारी वाहनों का आना जाना रहता है। जिस कारण शहर में वाहनों की नो एंट्री असंभव है। उन्होंने कहा कि लालकुआँ खनन की सबसे बड़ी मंडी है साथ ही एक औद्योगिक क्षेत्र भी है यहाँ भारत की सबसे बड़ी पेपर बनाने वाली सेचुरी पेपर मिल भी स्थापित है। जिसे हजारों वाहनों की आवाजाही होती वही लालकुआँ लकड़ी के कारोबार का एक बड़ा हब है। जो “नो एंट्री” लागू होने के बाद सबसे अधिक प्रभावित होगा। इसके अलावा खनन के स्टोन क्रेशर भी लालकुआँ में आते है।उन्होंने कहा कि नो एंट्री के बाद उनका पूरा व्यापार ठप हो जाएगा। जिसे रोजीरोटी का भी संकट पैदा हो जाएगा।उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर बेवजह किसी तरह की नो एंट्री लागू की गई तो समस्त व्यापारियों द्वारा उग्र आंदोलन किया जाएगा जिसकी समस्त जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।