कालीमठ से जिला पंचायत सदस्य की दावेदारी में उतरीं लोकगायिका सोमेश्वरी भट्ट

कालीमठ वार्ड से जिला पंचायत सदस्य की दावेदारी पेश कर दी पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य व मागल लोक गायिका सोमेश्वरी भट्ट ने
कालीमठ से जिला पंचायत सदस्य की दावेदारी में उतरीं लोकगायिका सोमेश्वरी भट्ट
हरीश चन्द्र
ऊखीमठ ब्लॉक से आपको बता दे आगामी 24 और 28 जुलाई को त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होने है ऐसे में वार्ड 03 कालीमठ से जिला पंचायत सदस्य की सीट सामान्य महिला होने पर पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य और लोक गायक सोमेश्वरी भट्ट ने भी अपनी दावेदारी पेश कर ली है आपको बता दे अगर सोमेश्वरी भट्ट की बात करे तो व पूर्व में क्षेत्र पंचायत सदस्य कोटमा मे रह चुकी है साथ ही डाक्टर जैक्सबीन नैशनल पब्लिक स्कूल गुप्तकाशी में भी अध्यापिका के रूप में अपनी सेवा दे चुकी है यही नही सोमेश्वरी भट्ट एक लोक गायिका भी है।
जिनके द्वारा कालीमठ माँ काली माई व मागल गीतो की कैसिट बाजोरों व शोशल मिडिया एंव यूट्यूब पर चर्चित है बता दे कि सोमेश्वरी भट्ट द्वारा अपना भजन व कीर्तन मण्डली का कार्य किया भी जाता है जिसमे व कालीमठ घाटी के विभिन्न गावों की महिलाओ को कीर्तन व भजन करना सिखाते है यही नही भट्ट द्वारा हर एक गाव की महिलाओ व बेटियों को उत्तराखंड की संस्कृति को जीवित करने के लिए पहाडी पहनाव आभूषण जैसे लवा नथ आदि अनेक उत्तराखंड के पारम्परिक आभूषणो को पहनाने का काम सिखाया जाता है।
वही सोमेश्वरी भट्ट ने बताया कि उन्होंने 2004 से क्षेत्र में समाजसेवी करना शुरू किया और वे 2004 से अभी तक जनता के बीच में सामाजिक, धार्मिक व अनेक क्षेत्रों मे काम करती आ रही है उन्होंने कहा कि व एक बार क्षेत्र पंचायत सदस्य का भी पद सम्भाल चुकी है कहा कि 2014 में व पहले भी कालीमठ घाटी से जिला पंचयात सदस्य का चुनाव लड चुकी है जिसमे बहुत कम मतो से व पिछे रही सोमेश्वरी भट्ट ने अपने जीवन के बारे बताया कि उनका जीवन हमेशा संघर्ष पूर्ण रहा है और उन्होंने अपने जीवन का समय ज्यादातर महिलाओ व समाज के बीच विताया है।
उन्होंने कहा कि उनकी एक कीर्तन व भजन मण्डली है जिसमें व कालीमठ घाटी के विभिन्न गावों मे शादी विवाह एंव कोई भी धार्मिक कार्य जैसे अनेक कार्यो में जाकर गावो की महिलाओं के साथ भजन कीर्तन करते है इसके साथ उत्तराखंड की संस्कृति को बचाने का काम भी उनके द्वारा किया जाता है जिसमें व गावों की सभी महिलाओं को पहाड़ी पहनाव व रिति रिवाज़ के बारे में सिखाते है।
साथ ही क्षेत्र की समस्या व ग्रामीणों के सुख दुख मे हमेशा आगे रहती है अंत में सोमेश्वरी भट्ट ने बताया कि उनका हमेशा से एक ही प्रयास रहा है कि वे क्षेत्र की समस्याओ व उत्तराखंड की धार्मिक पौराणिक संस्कृति को बचाए रखने का काम करेगीं बता दे कि सोमेश्वरी भट्ट द्वारा क्षेत्र में भ्रमण का कार्य भी शुरु किया गया है,