उत्तराखंड

संकट में आस्था की डगर, तीन दिन की बारिश ने रोका केदारनाथ का रास्ता, जानिए कैसे चले रेस्क्यू के रोमांचक पल

रूद्रप्रयाग प्रशासन की सतर्कता और त्वरित कार्यवाही से किया गया 1269 यात्रियों की रेसक्यो

संकट में आस्था की डगर: तीन दिन की बारिश ने रोका केदारनाथ का रास्ता, जानिए कैसे चले रेस्क्यू के रोमांचक पल

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सोनप्रयाग-मुनकटिया मार्ग अवरुद्ध, केदारनाथ यात्रा पर आए श्रद्धालुओं की सुरक्षा को दी गई सर्वोच्च प्राथमिकता

हरीश चन्द्र

रूद्रप्रयाग में बीते तीन दिनों से रुक रुक कर हो रही तेज बारिश के कारण जनजीवन प्रभावित हो गया है। इस बारिश का प्रभाव पवित्र केदारनाथ यात्रा पर भी स्पष्ट रूप से देखने को मिल रहा है। विशेषकर यात्रा के मुख्य पड़ाव सोनप्रयाग-मुनकटिया मार्ग पर लगातार हो रही भूस्खलन की घटनाओं के चलते मार्ग कई स्थानों पर अवरुद्ध हो गया है।

 

प्रशासन ने स्थिति की गंभीरता को समय रहते भांपते हुए तत्परता से निर्णय लिया और यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोपरि रखते हुए केदारनाथ जाने वाले सभी यात्रियों को फिलहाल सोनप्रयाग में ही रोका गया है। प्रशासन द्वारा यह निर्णय पूरी तरह से यात्रियों की जान-माल की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।

 

इसी के साथ प्रशासन ने केदारनाथ से नीचे लौट रहे यात्रियों के सुरक्षित रेस्क्यू के लिए भी एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और डीडीआरएफ की टीमें तत्काल मौके पर रवाना कीं। इन सभी सुरक्षा बलों के कुशल नेतृत्व और समन्वय से प्रातः 11 बजे तक कुल 1269 यात्रियों को सुरक्षित सोनप्रयाग पहुंचाया जा चुका है, जिनमें 833 पुरुष और 436 महिला श्रद्धालु शामिल हैं। यह रेस्क्यू अभियान अत्यंत व्यवस्थित, संवेदनशील और समयबद्ध रूप से संचालित किया गया, जिससे किसी भी यात्री को किसी प्रकार की असुविधा न हो।

वहीं दूसरी ओर, मार्ग को शीघ्र पुनः संचालित करने के लिए लोनिवि और अन्य संबद्ध विभागों द्वारा युद्धस्तर पर कार्य किया जा रहा है। मशीनों की सहायता से मलबा हटाने और मार्ग को सुगम बनाने का प्रयास लगातार जारी है

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