उत्तराखंड

फार्मासिस्ट डॉक्टर के तबादले पर मांगा जवाब

फार्मासिस्ट डॉक्टर के तबादले पर मांगा जवाब

नैनीताल।

हाईकोर्ट ने सीएम पोर्टल में शिकायत के बाद फार्मासिस्ट एवं डॉक्टर के स्थानांतरण और उनके स्थान पर एक जनप्रतिनिधि की बेटी एवं स्थानांतरण समिति के एक सदस्य की पत्नी को तैनात करने पर तल्ख टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा है कि पूरी स्थानांतरण प्रक्रिया दुर्भावनापूर्ण है, यह भाई-भतीजावाद है। कोर्ट ने इस बारे में राज्य सरकार से पक्ष रखने को कहा है। अगली सुनवाई को 22 जून की तिथि नियत की है।

मंगलवार को न्यायाधीश न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की एकलपीठ में देहरादून से करीब 60 किमी दूर धनोल्टी के दुर्गम क्षेत्र में कार्यरत आयुर्वेदिक अस्पताल के फार्मासिस्ट मनोज सिंगवाल की याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका में कहा गया है कि 30 नवंबर 2024 को ग्रामीणों की ओर से सीएम पोर्टल पर शिकायत की गई। इसमें कहा गया कि अस्पताल में याचिकाकर्ता फार्मासिस्ट एवं महिला चिकित्सक के बीच झगड़ा हो रहा है।

इस विवाद पर सात दिसंबर 2024 को समझौता भी हो गया लेकिन 12 जून 2025 को उनका प्रशासनिक आधार पर राजकीय आर्युवेदिक चिकित्सालय रोहिड़ा जिला चमोली के लिए ट्रांसफर कर दिया गया। याचिकाकर्ता का कहना था कि उसकी 12 साल 11 माह की सेवा दुर्गम क्षेत्र की है। उससे स्थानांतरण करने वाली विभागीय समिति ने विकल्प भी नहीं मांगा। उनके स्थान पर जिस फार्मासिस्ट को भेजा गया, वह एक जन प्रतिनिधि की बेटी है जबकि जिस डॉक्टर को भेजा गया, वह स्थानांतरण समिति के एक सदस्य की धर्मपत्नी हैं।

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