उत्तराखंड

ग्रामीण सेवा और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में पहल

ग्रामीण सेवा और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में पहल

अखरोट के पौधे भेंट करने के साथ चिकित्सा शिविर लगाए गए

रिपोर्टर गौरव गुप्ता।

नैनीताल जिले के ओखलकांडा ब्लॉक के ग्रामसभा कौनता और पटरानी में 13/14 फरवरी 2025 को मेरी ओर से ग्रामीणों को निशुल्क अखरोट के पौधे भेंट किए गए. इसके साथ ही इन क्षेत्रों में निशुल्क चिकित्सा शिविर भी लगाए गए. ये क्षेत्र आज भी स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में पिछड़े हुए हैं. सरकारी चिकित्सालय बहुत दूर हैं यहां आबादी ज्यादा नहीं है इसलिए निजी चिकित्सक भी नहीं हैं. लोगों ने अपने आप को परिस्थितियों के अनुसार ढाल लिया है. लोगों में सहनशीलता अधिक है. जब गंभीर होते हैं तभी इलाज के लिए हल्द्वानी या दूसरे शहरों में जाते हैं. 30 प्रतिशत बच्चों और बडों में दांतों की दिक्कत पायी गयी. इसका कारण डेंटल हाइजीन की कमी भी है. बुजुर्गों में जोड़ के दर्द और श्वास सम्बन्धी परेशानियां अधिक मिली.

य़ह वास्तविकता है कि कोई भी सरकार हो हर गांव और तोक्य में चिकित्सालय नहीं खोले जा सकते ऐसा करना प्रायोगिक तौर पर सम्भव नहीं है पर हर हफ्ते चिकित्सा शिविर लगाए जाँए तो भी काफी राहत मिल सकती है.
फल उत्पादन को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए ताकि लोगों को आर्थिक मजबूती मिले और स्थानीय लोगों खासकर बच्चों में विटामिन, खनिजों की कमी ना रहे.

पेड़ कम होने से लगातार तापमान में वृद्धि हो रही है. ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाकर ही इससे निजात मिल सकती है. इस बार सर्दी के मौसम में बर्फबारी नहीं हुई है और बारिश भी नहीं हुई है. इसका सीधा प्रभाव पहाड़ में फलों के उत्पादन पर पड़ेगा. जमीन में नमी नहीं है इसलिए मुझे भी अपने शीतकालीन वृक्षारोपण में कटौती करनी पड़ रही है. इस महीने अभी कुछ जगह अभियान चलाया जाएगा.

ओखलकांडा ब्लॉक के कार्यक्रमों में सामाजिक कार्यकर्ता डूंगर ढोलगाई ने अपने वाहन सहित साथ दिया. पूरन भट्ट व पूरन मेवाड़ी, टीकम बिष्ट, महेश कुमार आदि ने साथ रहकर सहयोग दिया. मैं सभी सहयोगियों का आभारी हूं.

डॉ आशुतोष पन्त
पूर्व जिला आयुर्वेद अधिकारी/पर्यावरणविद ,हल्द्वानी.

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