उत्तराखंड

कमाई के चक्कर में लोगों की सुरक्षा से खिलवाड़

कमाई के चक्कर में लोगों की सुरक्षा से खिलवाड़! नेशनल हाईवे पर लगे यूनिपोलों से जानमाल के नुकसान की संभावना

लालकुआं से गौरव गुप्ता : लालकुआं नगर पंचायत क्षेत्र में नियमों को ताक पर रखकर नेशनल हाईवे की सड़क के किनारे आनन-फानन में अवैध यूनीपोल लगाकर मोटी कमाई का खेल जारी है। सबसे दिलचस्प बात यह है कि हाईवे प्रशासन को इसकी खबर तक नहीं है वहीं यूनिपोल से कमाई के चक्कर में नगर पंचायत ने पर्याप्त सुरक्षा मानकों की अनदेखी कर जनता को अपने हाल पर छोड़ दिया है। यदि नेशनल हाईवे पर सीना ताने खड़े बड़े-बड़े यूनिपोल अगर किसी कारणवश गिरते हैं तो इनसे होने वाली जान-माल की क्षति के लिए आखिर कौन जिम्मेदार होगा जो अपने आप में सोचनीय विषय है।

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बताया जा रहा है कि लालकुआं नगर पंचायत क्षेत्र में नेशनल हाईवे की बिना परमिशन से आबादी वाले क्षेत्र में लगाए गए यह यूनिपोलों से कमाई का गोरखधंधा काफी समय से चल रहा है जिसके चलते नगर में लगे यह अवैध यूनिपोल और होडिंग आए दिन चर्चा में बने रहते हैं।

जानकारी के मुताबिक नेशनल हाईवे की सड़क पर खड़े यूनिपोल हाईवे प्रशासन के अभिलेखों में दर्ज तक नहीं हैं। नियमों को दरकिनार कर नेशनल हाईवे की सड़क के किनारे लगे इन यूनिपोलों से हर महीने लाखों रूपये की कमाई की जा रही है। यह भी बताया जा रहा है इस खेल में नगर पंचायत के कई अधिकारी, कर्मचारियों समेत नगर के कुछ जनप्रतिनिधि भी शामिल हैं।

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लालकुआं में तहसील कार्यालय, रेलवे स्टेशन, कोतवाली चौराहा, ट्रांसपोर्ट नगर समेत कई अन्य स्थानों पर लगे इन यूनिपोलों से प्रिन्टप्रेस मालिकों द्वारा महीने भर तक विज्ञापन लगाने का खर्च लगभग 30 से 40 हजार तक वसूला जाता है वहीं उन्होंने रेलवे स्टेशन और कोतवाली चौराहे वाले यूनिपोलों पर विज्ञापन की दरें सबसे मंहगी कर रखी है।

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इधर सूत्रों की मानें तो नगर में अवैध यूनिपोल और होडिंग से हर महीने नगर पंचायत को भी लाखों रूपये के राजस्व का चूना लगाया जा रहा है ।बताया जा रहा है कि जब नेशनल हाईवे प्रशासन से यूनिपोल लगाने की स्वीकृति नहीं मिली तो ऐसे में यह सब यूनिपोल कैसे और किसकी अनुमति से लगाए गए हैं।

स्थानीय लोगों का आरोप है कि बिना नेशनल हाईवे प्रशासन के अधिकारियों की मिलीभगत से यह सब संभव नहीं है क्योंकि सड़क पर लगे यूनिपोल यहां से गुजरने वाले प्रत्येक व्यक्ति को दूर से ही नजर आते हैं। ऐसे में प्रतिदिन नेशनल हाईवे से गुजरने वाले हाईवे प्रशासन के अधिकारियों को आखिर क्यों दिखाई नहीं देते। लोगों का कहना है कि नगर पंचायत एवं हाईवे प्रशासन के अधिकारियों की सांठगांठ से लालकुआं नगर में यूनिपोलों से कमाई का खेल काफी लंबे समय से जारी है।

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पूर्व में स्थानीय लोगों द्वारा इन यूनिपोलों से दुर्घटना की आशंका जाहिर करते हुए इनको हटाए जाने के लिए नगर पंचायत प्रशासन को लिखित पत्र दिया गया था। लेकिन राजनैतिक दबाव के चलते इस ओर ध्यान नहीं दिया गया। इसी बीच गत वर्ष आई तेज आंधी में कुछ यूनिपोल उखड़कर सड़क पर गिर भी गये। लेकिन गनीमत रही कि उस दौरान कोई व्यक्ति इनकी चपेट में नहीं आया अन्यथा कोई बड़ा हादसा घटित हो सकता था।

वहीं नगर पंचायत लालकुआं के अधिशासी अधिकारी राहुल कुमार ने बताया कि लालकुआं नगर पंचायत क्षेत्र में लगाए गए यूनिपोलों का टेंडर प्रक्रिया के तहत रजिस्ट्रेशन हो गया है तथा पूर्व में लगे सभी अवैध यूनिपोल को हाटा दिया गया है।

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उन्होंने कहा कि सभी यूनिपोल पूरी तरह से वैध हैं उन्होंने कहा कि अगर कहीं पर यूनिपोलों से दुर्घटना की आंशका जताई जाती है तो उन्हें वहां से हटाने की कार्यवाई की जाएगी । जबकि नेशनल हाईवे के अधिकारियों का कहना है कि उनके द्वारा नेशनल हाईवे की जमीन पर यूनिपोलों को खड़े करने की कोई अनुमति नहीं दी गई है। उन्होंने कहा कि यदि नेशनल हाईवे की जमीन पर यूनिपोल खड़ा पाया जाता है तो टीम भेजकर उसे हटाने की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

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बरहाल नगर पंचायत लालकुआं और नेशनल हाईवे के जिम्मेदारों के परस्पर विरोधी बयानों के चलते यह कहना कठिन है कि इनमें से कौन सही है और कौन गलत बयानी कर रहा है ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि नेशनल हाईवे की सड़क के किनारे लगे इन यूनिपोलों से यदि कोई हादसा होता है तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा।

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