उत्तराखंड

वन गुर्जरों ने रेंज के वन क्षेत्राधिकारी व अन्य कर्मचारियों पर वन गुर्जरों का उत्पीड़न करने का लगाया आरोप

वन गुर्जरों ने रेंज के वन क्षेत्राधिकारी व अन्य कर्मचारियों पर वन गुर्जरों का उत्पीड़न करने का लगाया आरोप

रिपोर्टर गौरव गुप्ता, लालकुआं। रनसाली रेंज के जंगल में रहने वाले वन गुर्जरों ने रेंज के वन क्षेत्राधिकारी व अन्य अन्य कर्मचारियों पर वन गुर्जरों का उत्पीड़न करने का आरोप लगाया, इस दौरान 2 दिन पूर्व वन गुर्जर के खिलाफ वन विभाग द्वारा दर्ज किए गए मुकदमे को फर्जी बताते हुए अभिलंब मामले की उच्च स्तरीय जांच करने की मांग को लेकर गुर्जरों के शिष्टमंडल ने क्षेत्रीय विधायक डॉ मोहन बिष्ट से भेंट की।

यहाँ क्षेत्रीय विधायक डॉ मोहन बिष्ट से भेंट करते हुए एक दर्जन से अधिक वन गुर्जरों के शिष्टमंडल ने कहा कि वह रनसाली रेंज के जंगल में निवास करते हैं, साथ ही वह अपने क्षेत्र के जंगलों की सुरक्षा भी कर रहे हैं, परंतु इसके बावजूद पिछले कुछ समय से रनसाली रेंज के रेंज अधिकारी एवं कर्मचारी लगातार वन गुर्जरों का उत्पीड़न कर रहे हैं,

उन्होंने बताया कि 2 दिन पूर्व वन क्षेत्र के भीतर तस्करी कर अवैध रूप से लेजायी जा रही लकड़ी की दो ट्राली वन गुर्जरों ने पकड़ी, इसकी सूचना वन विभाग को दी गई, तथा एक ट्राली को रेंज कार्यालय तक पहुंचाया गया, परंतु वन विभाग द्वारा इस संबंध में कोई कार्रवाई करने के बजाय वन गुर्जर गुलाम रसूल की मोटरसाइकिल को जबरन उठाकर रेंज कार्यालय में रख लिया गया, गुर्जरों ने कहा कि वन विभाग ने गुलाम रसूल के खिलाफ वन भूमि जोतने का झूठा मुकदमा दर्ज कराया गया, जबकि मौके पर गुलाम रसूल के खेत में चारा लगा हुआ है, गुर्जरों ने मांग की कि वन अधिकार अधिनियम के अंतर्गत जिस प्रकार बिंदुखत्ता को राजस्व गांव घोषित करने की कार्रवाई की जा रही है, इसी प्रकार उनके खत्तों को भी राजस्व गांव घोषित किया जाए,

उन्होंने वन विभाग के दोषी अधिकारी एवं कर्मचारियों के खिलाफ उच्च स्तरीय जांच कर कार्रवाई करने की मांग करते हुए न्याय की गुहार लगाई,तथा विधायक को हस्ताक्षरित ज्ञापन भी सौपा, इस अवसर पर विधायक डॉ मोहन बिष्ट ने कहा कि वन गुर्जरों का उत्पीड़न किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, उन्होंने कहा कि वह मामले में उच्च अधिकारियों से वार्ता कर गुर्जरों को न्याय दिलवाएंगे।

इस अवसर पर मोहम्मद कासिम, अली जान, गुलाम रसूल उर्फ गुलाम, अब्दुल गनी, अली शेर, गुलाम रसूल और वजीर अली सहित कई गुर्जर मौजूद थे।

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