उत्तराखंड

पूर्व विधायक राजेश शुक्ला ने विधायक तिलक राज बेहड़ पर लगाया आरोप

रुद्रपुर:- पूर्व विधायक राजेश शुक्ला ने विधायक तिलक राज बेहड़ पर आरोप लगाया कि थानाध्यक्ष पंतनगर के मामले में सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए धरने की नौटंकी कर रहे हैं तथा जब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर थानाध्यक्ष को प्रथम दृष्टया दोषी मानकर निलंबित कर जांच की कार्रवाई शुरू कर दी गई तब आज का धरना सिर्फ इस मामले में राजनीतिक लाभ लेने के लिए क्यों किया गया। उन्होंने प्रकरण की सीबीआई अथवा सीआईडी जांच की मांग मुख्यमंत्री से की है।

शुक्ला ने बेहड़ से सवाल करते हुए कहा कि पीड़िता का जो ऑडियो बेहड़ ने प्रेस को जारी किया उसे पर थानाध्यक्ष के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर जब मैं (राजेश शुक्ला) भी एस एस पी से मिलने गया और कार्रवाई की मांग की तब बेहड़ के पेट में दर्द क्यों हुआ, क्या लोकतंत्र में आम जनता या पूर्व विधायक को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से मिलने का अधिकार नहीं है?

पूर्व विधायक शुक्ला ने कहा कि पीड़िता से थानाध्यक्ष की अश्लील बातें नितांत अनुचित है तथा भाजपा सरकार ने तत्काल इसकी जांच बैठा दी है थानाध्यक्ष को निलंबित कर दिया लेकिन इसकी जांच पर बेहड़ को क्या आपत्ति है? बेहड़ इतना जल्दीबाजी में क्यों हैं?

उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए ताकि यह स्पष्ट हो सके कि पीड़िता एवं उसके परिवार के कुछ सदस्यों के नाम कुछ माह पूर्व आत्महत्या करने वाली पंतनगर की लड़की जिसके सुसाइड नोट में पीड़िता एवं उसके परिवार पर सेक्सुअल ह्रासमेंट एवं षड्यंत्र का आरोप लगाकर उस लड़की ने आत्महत्या की थी तथा उस मामले में पीड़िता का नाम निकाला गया जांच से क्या उसमें पुलिस की मदद नहीं ली गई? यह भी जांच का विषय है कि आत्महत्या करने वाली लड़की के परिजनों पर अपहरण का जो झूठा मुकदमा पीड़िता दर्ज कराना चाहती थी और वह दर्ज नहीं हुआ क्या वह मुकदमा भी अश्लील ऑडियो की ब्लैकमेलिंग में दर्ज कराया जा रहा था?

यह भी सवाल के घेरे में है कि लगभग 7 महीनो से पीडिता एवं थानाध्यक्ष के मध्य टेलीफोन वार्ता चल रही थी, इस दौरान पीड़िता आत्महत्या करने वाली लड़की के परिजनों पर जो अपहरण का मुकदमा दर्ज कराना चाहती थी उसके दर्ज न होने की शिकायत को लेकर एसएसपी से मुलाकात की लेकिन उस समय उसने थानाध्यक्ष के अश्लील बातों की शिकायत दर्ज नहीं कराई, जबकि उस समय उसकी थानाध्यक्ष से बात चल रही थी, यह भी जांच का विषय है कि पीड़िता एवं थानाध्यक्ष के बीच मोबाइल पर कब से व कितनी बार कॉल की गई तथा अश्लील बात होने के बाद भी पीड़िता बार-बार कॉल क्यों करती रही?

शुक्ला ने कहा कि बेहड़ को इस बात का भी जवाब देना चाहिए कि उक्त अश्लील वार्ता का ऑडियो जो उनके पुत्र को प्राप्त हुआ उसे मीडिया को देने में इतना समय क्यों लगाया गया तथा उसके पहले बेहड़ के भाई एवं थानाध्यक्ष में क्या सौदेबाजी हो रही थी? क्योंकि बेहड़ ने खुद ही अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि थानाध्यक्ष मेरे भाई से कह रहा था कि यह ऑडियो वायरल ना करो, उन्होंने यह भी कहा कि यह ऑडियो पीड़िता ने मेरे पुत्र को दिया।

शुक्ला ने कहा सीबीआई जांच या सीबीसीआईडी जांच से सारे मामले का खुलासा होगा तथा पुलिस पर दबाव बनाकर गलत काम करने के बेहड़ के मंसूबों को पूरा नहीं होने दिया जाएगा। बेहड़ ने आज तक थानाध्यक्ष से पीड़ित लड़की के एवं उसके परिवार से पीड़ित आत्महत्या करने वाली लड़की संध्या के लिए एक शब्द नहीं बोला तथा उस परिवार का पर ऑडियो की ब्लैकमेलिंग से झूठा अपहरण का मुकदमा दर्ज कराने के पीड़िता द्वारा प्रयास पंतनगर के कांग्रेसियों एवं बेहड़ द्वारा किए गए। 7 महीने से अश्लील वार्ता झेल रही लड़की ने महिला आयोग, एस एस पी, डीआईजी, डीजीपी अथवा माननीय मुख्यमंत्री को शिकायत नहीं की और एसएसपी से अपहरण का झूठा मुकदमा न लिखने की शिकायत भी करने गई पर अश्लील वार्ता की शिकायत क्यों नहीं की और वह ऑडियो बेहड़ के पुत्र को दिया इसकी भी जांच होनी चाहिए।

शुक्ला ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि उक्त प्रकरण के दोषी थानाध्यक्ष एवं अन्य सभी की व ऑडियो की व झूठे अपहरण के मुकदमे दर्ज कराने के प्रार्थना पत्र एवं आत्महत्या के लिए मजबूर करने वाले दोषियों के नाम किस दबाव में निकाले गए इसकी सीबीआई अथवा सीबीसीआईडी से जांच कराई जाए।

शुक्ला ने कहा कि बेहड़ विधानसभा के पटल पर भी झूठ बोलते हैं उन्होंने कुछ माह पूर्व मलसा में एक दलित युवक की गोली मारकर की गई हत्या के अपराधियों को बचाने के लिए पुलिस पर दबाव बनाया और जब पुलिस दबाव में नहीं आई तथा मुकदमा दर्ज कर दिया तो उन्होंने विधानसभा के पटल पर यह झूठ बोला कि एक मामूली घटना में मुकदमा दर्ज कर दिया गया, उन्होंने बेहड़ से सवाल करते हुए कहा कि एक दलित युवक को लालपुर से मलसा ले जाकर अपने घर में गोली मार देना व उसकी हत्या हो जाना मामूली घटना है, यह सदन के रिकॉर्ड पर है, शुक्ला ने कहा की गोली चलाने वाले बेहड़ के गांव के उनके सगे संबंधी हैं इसलिए बचाना चाहते थे? पुलिस कप्तान दबाव में नहीं आए इसलिए उनको दबाव में लेने के लिए विधानसभा में झूठ बोला, शुक्ला ने कहा कि इसकी शिकायत विधानसभा अध्यक्ष के साथ-साथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से भी की जाएगी की क्या यही है उनका दलित प्रेम?

इसी प्रकार बेहड़ के एक खासम खास व्यक्ति द्वारा एक टेंपो चालक से मक्का की लूट व पैसों की लूट की गई थी जिसका मुकदमा किच्छा में दर्ज हुआ, बेहड़ ने उस मामले में भी एसएसपी पर दबाव बनाया और एसएसपी के दबाव में न आने पर उनके विरुद्ध बयानबाजी की जा रही है। इन सभी मामलों से विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी एवं महामहिम राज्यपाल को भी अवगत कराया जाएगा।

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