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बड़ी खबर : उत्तराखंड में धामी सरकार ने लिया बड़ा फैसला

चम्पावत की विद्युत संबंधी समस्याओं का होगा समाधान

देहरादून/उत्तराखंड : साल 2023 खत्म होने में बचे हैं कुछ ही दिन!!

धामी सरकार के लिए कई मायनों में बेहद खास रहा मौजूदा साल!

कई बड़ी चुनौतियों के साथ धामी सरकार का इंतजार कर रहा है साल 2024!!

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  1. उत्तराखंड में मूल निवास: हाल ही में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक बड़ा निर्णय लेते हुए आदेश जारी किया था. आदेश के तहत जिनके पास मूल निवास प्रमाण पत्र है, उनको अब स्थायी निवास प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं होगी. हालांकि, इसके बाद ही उत्तराखंड में मूल निवास की कट ऑफ डेट 1950 करने की मांग उठने लगी. साथ ही 24 दिसंबर को तमाम संगठनों से जुड़े लोगों ने देहरादून में विशाल महारैली की.

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उत्तराखंड में धामी सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। ये फैसला मूल निवास प्रमाण-पत्र धारकों को लेकर है। अब मूल निवास प्रमाण-पत्र धारकों को अब स्थाई निवास प्रमाण पत्र बनाने की बाध्यता नहीं होगी । मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के बाद सचिव की ओर से आदेश जारी किए गए हैं।

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उत्तराखंड में सरकार के समक्ष बार-बार इसको लेकर बदलाव की जरूरत महसूस होने की बात रखी जाती थी. इसमें बताया गया कि राज्य के सेवायोजन और शैक्षणिक संस्थान के साथ ही दूसरे विभिन्न कार्यों के लिए प्रदेश के मूल निवास प्रमाण पत्र धारकों को स्थाई निवास प्रमाण पत्र लाने के लिए बाध्य किया जाता था और कई बार इसे मूल निवास प्रमाण पत्र धारकों को खासी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ता था. लेकिन अब शासन से नया आदेश जारी होने के बाद संबंधित आदेश का कड़ाई से पालन किए जाने के निर्देश जारी किए गए हैं.

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इस तरह जहां पहले ही स्थाई निवास प्रमाण पत्र की आवश्यकता मूल निवास प्रमाण पत्र धारकों को नहीं होने के निर्देश दिए गए थे तो वहीं अब शासन स्तर से भी इसका लिखित आदेश जारी कर दिया गया है. साथ ही राज्य में सभी विभागों और अधिकारियों को भी इस मामले में गंभीरता के साथ आदेशों का कड़ाई से पालन करने के लिए कहा गया है. इस मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी अफसर को निर्देश दिए थे और इन्हीं निर्देशों के क्रम में सचिव विनोद कुमार सुमन की तरफ से आदेश जारी हुआ है.

शासन के संज्ञान में यह तथ्य लाया गया था कि राज्य में सेवायोजन, शैक्षणिक संस्थाओं, प्रदेश में अन्य विभिन्न कार्यों हेतु उत्तराखण्ड के मूल निवास प्रमाण पत्र धारकों को सम्बन्धित विभागों, संस्थाओं व संस्थानों द्वारा स्थाई निवास प्रमाण पत्र प्रस्तुत किये जाने के लिए बाध्य किया जा रहा है, जबकि इस सम्बन्ध में सामान्य प्रशासन विभाग के शासनादेश संख्या 60/CM/xxxi (13)G/07-87(3)/2007 दिनांक 28 सितम्बर 2007 के द्वारा मूल निवास प्रमाण पत्र धारकों के लिये स्थायी निवास प्रमाण पत्र की आवश्यकता न होने के सम्बन्ध में स्पष्ट निर्देश पूर्व में ही दिये गये हैं।

सचिव विनोद कुमार सुमन ने आज इस संबंध में आदेश जारी करते हुए बताया कि जिन प्रयोजनों के लिये स्थाई निवास प्रमाण पत्र की आवश्यकता है, उन प्रयोजनों के लिये मूल निवास प्रमाण पत्र धारकों को स्थाई निवास प्रमाण पत्र प्रस्तुत किये जाने हेतु बाध्य न किया जाए। उन्होंने कहा कि उक्त आदेशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाए।

उससे एक दिन पहले ही 23 दिसंबर को सीएम धामी के निर्देश पर निर्णय लिया गया कि भू कानून के लिए गठित प्रारूप समिति मूल निवास प्रमाण पत्र जारी करने के संबंध में मानकों का निर्धारण किए जाने को लेकर अपनी संस्तुति देगी. ऐसे में साल 2024 के दौरान मूल निवास का मामला और बड़े आंदोलन की ओर बढ़ सकता है, जो धामी सरकार के लिए बड़ी चुनौती रहेगी।

2. देवभूमि उत्तराखंड को नशा मुक्त बनानाः उत्तराखंड में अवैध नशे का कारोबार तेजी से फल फूल रहा है. ऐसे में धामी सरकार ने साल 2025 तक ड्रग्स फ्री उत्तराखंड का लक्ष्य रखा है. जिसके तहत राज्य सरकार शहर से लेकर गांव-गांव स्तर पर भी जागरूकता अभियान चलाने जा रही है, लेकिन जिस तरह से प्रदेश में अवैध नशे का कारोबार फैल रहा है, उसे तोड़ना सरकार के सामने एक बड़ी चुनौती बनी हुई है.

यही वजह है कि सरकार आम जनता की भागीदारी के साथ ही स्कूली बच्चों और उनके अभिभावकों को अपने इस अभियान में शामिल करने जा रही है. ताकि, सरकार ने जो साल 2025 तक नशा मुक्ति उत्तराखंड का लक्ष्य रखा है, उसको साकार कर सके. ऐसे में नशे पर लगाम लगाकर लक्ष्य को पाना भी एक चुनौती है.

3. टीबी मुक्त उत्तराखंड: सरकार ने साल 2024 तक उत्तराखंड राज्य को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा है. उस दिशा में स्वास्थ्य विभाग बृहद स्तर पर अभियान चला रहा है. ताकि, उत्तराखंड को टीबी मुक्त किया जा सके. ऐसे में धामी सरकार के लिए साल 2024 तक टीबी मुक्त उत्तराखंड के लक्ष्य को पूरा करना भी एक बड़ी चुनौती साबित हो सकती है. क्योंकि, मौजूदा समय में उत्तराखंड में करीब साढ़े 12 हजार मरीज टीबी से ग्रसित हैं. हालांकि, स्वास्थ्य विभाग की ओर से टीबी से ग्रसित मरीजों को ठीक करने के लिए नि-क्षय मित्र बनाए गए हैं.

4. लोकसभा चुनाव 2024: आगामी साल 2024 में लोकसभा चुनाव होने हैं. इसके मद्देनजर राजनीतिक पार्टियां दमखम से तैयारी में जुटी हुई हैं. हालांकि, बीजेपी सरकार के लिए यह लोकसभा चुनाव एक बड़ी चुनौती बनी हुई है. क्योंकि, पिछले दो लोकसभा चुनाव से बीजेपी उत्तराखंड की पांचों सीटें जीतती आई है. ऐसे में आगामी लोकसभा चुनाव के दौरान धामी सरकार के लिए बड़ी चुनौती यही है कि पांचों सीटें जीतकर हैट्रिक बनाएं. यही वजह है कि धामी सरकार अभी से ही लोकसभा चुनाव की रणनीतियों के तहत काम करना शुरू कर चुकी है.

5. उत्तराखंड में निकाय चुनाव: उत्तराखंड में निकायों का कार्यकाल समाप्त हो चुका है. ऐसे में इसी साल निकाय चुनाव होने थे, लेकिन निकाय चुनाव नहीं हो पाए. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि साल 2024 में लोकसभा चुनाव संपन्न होने के बाद निकाय चुनाव कराए जा सकते हैं. ऐसे में बीजेपी के लिए एक बड़ी चुनौती यही है कि निकाय चुनाव में वो बेहतर प्रदर्शन करे. हालांकि, बीजेपी संगठन हमेशा ही चुनावी मूड में रहता है, यही वजह है कि बीजेपी अपनी चुनावी तैयारी लगातार जारी रखती है.

6. उत्तराखंड में UCC: यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी समान नागरिक संहिता के लिए गठित कमेटी मसौदा लगभग तैयार कर चुकी है. ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि नए साल पर यूसीसी के लिए गठित पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति, फाइनल ड्राफ्ट उत्तराखंड सरकार को सौंप सकती है. इसके बाद धामी सरकार यूनिफॉर्म सिविल कोड को उत्तराखंड में लागू करने की दिशा में आगे बढ़ेगी. सूत्र

7. उत्तराखंड में सख्त भू कानून: उत्तराखंड में सशक्त भू कानून की मांग लंबे समय से चली आ रही है. हालांकि, जब उत्तराखंड राज्य का गठन हुआ था, उस दौरान पहली निर्वाचित सरकार ने भू कानून को काफी ज्यादा सख्त बनाया था. लेकिन समय के साथ उसमें बदलाव होते रहे. इसी कड़ी में साल 2018 में हुए इन्वेस्टर्स समिट के दौरान भी भू कानून में काफी रियायत दी गई. जिसके चलते उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, तमाम संगठन सख्त भू कानून की मांग कर रहे हैं.

इसको देखते हुए हाल ही में धामी सरकार ने भू कानून समिति की रिपोर्ट का परीक्षण किए जाने को लेकर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय ‘प्रारूप समिति’ का गठन किया है. ऐसे में साल 2024 धामी सरकार के लिए इसलिए भी बड़ा चुनौती पूर्ण रहेगा कि कैसे उत्तराखंड में सख्त भू कानून को लागू किया जाए?

8. MoU की ग्राउंडिंग: डेस्टिनेशन उत्तराखंड और ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान उत्तराखंड में निवेश के लिए साढ़े 3 लाख करोड़ रुपए के प्रस्ताव पर एमओयू साइन हुए हैं. हालांकि, इन्वेस्टर्स समिट के लिए आयोजित दो दिवसीय मुख्य कार्यक्रम से पहले ही 44 हजार करोड़ रुपए की ग्राउंडिंग हो चुकी थी. वहीं, अब राज्य सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती यही है कि जो करार निवेशकों के साथ हुए हैं, उन करार के तहत शत प्रतिशत ग्राउंडिंग की जा सके.

हालांकि, इसके लिए इन्वेस्टर्स समिट का मुख्य कार्यक्रम संपन्न होने के बाद ही धामी सरकार कई दौर की बैठक कर चुकी है. साथ ही इस बाबत सभी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सभी लोगों के सहयोग से ही ज्यादा से ज्यादा एमओयू को धरातल पर उतारा जा सके. इसके साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों में भी उद्योगों को स्थापित किया जा सके. ताकि, स्थानीय स्तर पर युवाओं को रोजगार मिल सके.

मुख्यमंत्री ने किया नव सृजित विद्युत वितरण मण्डल चंपावत के कार्यालय भवन का शिलान्यास

चम्पावत की विद्युत संबंधी समस्याओं का होगा समाधान

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को चम्पावत के नवसृजित विद्युत वितरण मण्डल के कार्यालय भवन का शिलान्यास किया। उन्होंने कहा कि नवसृजित विद्युत वितरण खण्ड के कार्यालय भवन बनने से क्षेत्र की विद्युत समस्याओं का त्वरित समाधान होगा। जनपद चम्पावत को आदर्श बनाये जाने की राह में विद्युत समस्याओं के शीघ्र समाधान हेतु उत्तराखण्ड पॉवर कॉरपोरेशन लि. द्वारा उठाया गया यह एक प्रभावी कदम है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जनपद चम्पावत को आदर्श जनपद बनाने की अवधारणा को साकार करने के लिए लगातार विकास कार्य कराए जा रहे हैं। इसी कड़ी में जनपद के लोगों की विद्युत सम्बन्धी समस्याओं के त्वरित निस्तारण और विद्युत व्यवस्थाओं को बेहतर करने हेतु प्रदेश के उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड द्वारा नव सृजित विद्युत वितरण मंडल, चंपावत के कार्यालय भवन का शिलान्यास एवं भूमि पूजन किया गया है। इस मंडल के अंतर्गत तीन विद्युत वितरण खण्ड चंपावत,खटीमा एवं सितारगंज शामिल होंगे। जिससे अब नए सर्किल खुलने के बाद लोगों को अपनी विद्युत समस्याओं को लेकर उच्च अधिकारियों तक पहुंचाने के लिए अधिक दूरी तय नहीं करनी होगी। इसके अलावा इन क्षेत्र में बिजली की समस्याओं के समाधान को लेकर भी लोगों को आसानी होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जनपद चम्पावत का विकास हमारी प्राथमिकता में शामिल है। विद्युत वितरण मंडल चंपावत के कार्यालय भवन के निर्माण से चम्पावत के विद्युत संबंधित सभी कार्यो का निष्पादन स्थानीय स्तर पर हो पाएगा।

इस अवसर पर अध्यक्ष जिला पंचायत ज्योति राय, जिलाध्यक्ष भाजपा निर्मल महरा,ब्लॉक प्रमुख चंपावत रेखा देवी, बाराकोट विनीता फर्त्याल, विधायक प्रतिनिधि चंपावत प्रकाश तिवारी, जिलाधिकारी नवनीत पाण्डे,पुलिस अधीक्षक देवेन्द्र पींचा, उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन एम डी अनिल कुमार यादव, मुख्य विकास अधिकारी संजय सिंह, विद्युत विभाग के निदेशक परिचालन एम एल प्रसाद, मुख्य अभियंता आशीष अरोरा सहित अन्य अधिकारी एवं गणमान्य लोग उपस्थित थे।

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