उत्तराखंड

सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान का उपयोग निषेध : मंत्री डॉ0 प्रेमचंद अग्रवाल

  • तम्बाकू एवं अन्य नशीले पदार्थों के सेवन करने के दुष्प्रभावों के बारे में लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता
  • देहरादून : नगर निगम क्षेत्र को धूम्रपान मुक्त एवं स्वच्छ शहर बनाना!
  • देहरादून : धूम्रपान मुक्त एवं स्वच्छ शहर बनाना! 

देहरादून : कैबिनेट मंत्री डॉ0 प्रेमचंद अग्रवाल ने मंगलवार को होटल पैसिफिक में आयोजित देहरादून नगर निगम क्षेत्र को धूम्रपान मुक्त एवं स्वच्छ शहर बनाने हेतु एक दिवसीय संवेदीकरण कार्यशाला में प्रतिभाग करते हुए दीप प्रज्वलित कर कार्यशाला का शुभारंभ किया।

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जिला तम्बाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ एवं बालाजी सेवा संस्थान के सहयोग से देहरादून नगर निगम क्षेत्र को धूम्रपान मुक्त एवं स्वच्छ शहर बनाने हेतु तम्बाकू विक्रेता लाइसेंस क्रियान्वयन के दृष्टिगत आयोजित इस संवेदीकरण कार्यशाला में तम्बाकू के दुष्परिणामों के बारे में विस्तृत जानकारियां दी गई। तम्बाकू विक्रेताओं का पंजीकरण कर लाइसेंस निर्गत कराने पर बल दिया गया। ताकि तम्बाकू किसी अन्य दुकानों पर विक्रय न किया जा सके।

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वित्त एवं शहरी विकास मंत्री ने युवा पीढ़ी को नशे से बचाने के लिए स्कूलों, कालेजों समेत शिक्षण संस्थानों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कराने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा कोटपा नीति के तहत स्कूल कालेजों के सौ मीटर की परिधि में तम्बाकू उत्पाद विक्रय प्रतिबंधित किया गया है। सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान का उपयोग निषेध किया गया है।

कैबिनेट मंत्री ने कहा कि तम्बाकू एवं अन्य नशीले पदार्थों के सेवन करने के दुष्प्रभावों के बारे में लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है। उन्होंने विशेषतौर पर युवाओं को नशे के झांसे से बचाने के लिए प्रभावी कदम उठाने पर बल दिया ।

विधायक राजपुर खजानदास ने तम्बाकू प्रचलन अनुभव को साझा करते हुए कहा कि वर्तमान दौर में सामाजिक परिवर्तन आने से एवं जागरूकता बढ़ने से तम्बाकू के सेवन पर कुछ हद तक अंकुश लगाने में कामयाब हुए है। लेकिन गुटखा,खैनी अन्य नशीले पदार्थों के प्रभावी रोकथाम एवं युवा पीढ़ी को नशे से बचाने के लिए अहम कदम उठाने की जरूरत है। इसके लिए विभाग के साथ-साथ स्वंयसेवी संस्थाओं को भी आगे आकर लोगो के भीतर चेतना जगाने का प्रयास की आवश्यकता है। विधायक ने कहा कि ग्रामीण स्तर पर आयोजित बैठकों में भी तम्बाकू के दुष्प्रभावों के बारे में ग्रामीणों को जागरूक किया जाय।

कार्यशाला में सीएमओ डॉ जैन ने कहा कि उत्तराखंड में तंबाकू का सेवन करने वाले लोगों का 26.5 फीसदी आंकड़ा है। जबकि 18.5 फीसदी 18 साल से कम के बच्चे भी इसके गिरफ्त में है। उन्होंने कहा कि चालीस प्रतिशत गैर संचारी रोग भी इसी कारण से लोग को हो रहें है। उन्होंने तम्बाकू को प्रतिबंधित किए जाने को लेकर कोटपा एक्ट के तहत और प्रभावी रूप से काम करने पर बल दिया है।

कार्यशाला में अपर निदेशक शहरी विकास अशोक कुमार पांडेय,सीएमओ डॉ.संजय जैन,एसीएमओ डॉ.निधि,अध्यक्ष बालाजी सेवा संस्थान अवधेश कुमार सहित विभागों के अधिकारी एवं अन्य लोग उपस्थित रहे। कार्यशाला का संचालन राकेश बिष्ट ने किया।

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