उत्तराखंडवीडियो

Video : देहरादून में आज वंदे भारत का आगाज़! दिखाई हरी झंडी

PM ने देहरादून से दिल्ली के बीच चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस को दिखाई हरी झंडी

Vande Bharat started in Dehradun today

PM ने देहरादून से दिल्ली के बीच चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस को दिखाई हरी झंडी

देहरादून : देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज देहरादून से दिल्ली के लिए पहली वंदे भारत एक्सप्रेस को वर्चुअल हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

वही अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि पर्वतमाला योजना उत्तराखंड का भविष्य बदलने जा रही है। ट्रेन शुरू होने से राज्य में आने वाले यात्रियों के लिए फायदेमंद होगा। वंदे भारत भारत के सामान्य परिवारों की पहली पसंद बनती जा रही है।

Breaking :उत्तराखंड बोर्ड का रिजल्ट घोषित

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अभी कुछ घंटे पहले ही मैं तीन देशों की यात्रा करके आया हूं आज पूरा विश्व भारत को उम्मीदों से देख रहा है। हमने जिस तरह अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूती दी है, जिस तरह हम गरीबी से लड़ रहे हैं उसने पूरी दुनिया का विश्वास जगा दिया है।

बड़ी ख़बर : ED की हिरासत में NH-74 घोटाले का आरोपी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उत्तराखंड आज जिस तरह से कानून-व्यवस्था को सर्वोपरि रखते हुए विकास के अभियान को आगे बढ़ा रहा है वो बहुत सराहनीय है। मेरा विश्वास है कि ये देवभूमि आने वाले समय में पूरे विश्व की आध्यात्मिक चेतना के आकर्षण का केंद्र बनेगी।

Breaking : उत्तराखंड पुलिस विभाग में प्रशासनिक आधार पर बड़ा फेरबदल! देखें लिस्ट

इससे पहले, इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह रेलवे का स्वर्णिम युग है। स्वदेश में निर्मित सेमी हाईस्पीड ट्रेन यहां से चलने जा रही है। जल्द ही दुर्गम इलाकों में भी ऐसी ट्रेनें चलाई जाएंगी। पहाड़ के लिए यह सब सपना था। जल्द ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक ट्रेन चलेगी।

ब्रेकिंग : उत्तराखंड को मिल रहा केंद्र सरकार का नायाब तोहफा: अजय भट्ट

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि आज बहुत सौभाग्य का दिन है..पीएम आज देवभूमि को वंदे भारत की बहुत बड़ी सौगात दे रहे हैं। वहीं, उद्घाटन के बाद रेल मंत्री ट्रेन से हरिद्वार तक जाएंगे।

उद्घाटन समारोह से पहले केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन में सवार छात्रों से बातचीत की। उधर, ट्रेन को देखने और सेल्फी लेने के लिए भी बड़ी संख्या में लोग रेलवे स्टेशन पहुंचे।

 

उत्तराखंड के लिए आज गुरुवार का दिन ऐतिहासिक रहा है। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ऑस्ट्रेलिया दौरे से लौटने के तुरंत बाद नई दिल्ली से उत्तराखंड को देश की 18वीं वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का तोहफा दिया। इस अवसर पर उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी भार्गव ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं उनके मंत्रिमंडल के अनेक सदस्यों व अन्य गणमान्य जनों की उपस्थिति में वंदे भारत एक्सप्रेस रेल को औपचारिक तौर पर हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर आइए जानते हैं..

उत्तराखंड को आज मिली नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की कुछ खाशियतों के बारे में…

आज से शुरू हो रही वंदे भारत एक्सप्रेस आगामी 28 मई से विधिवत रूप से देहरादून से दिल्ली और दिल्ली से देहरादून के बीच चलेगी। फिलहाल इस ट्रेन में 8 कोच लगाए गए हैं। जिममें 570 यात्री एक साथ यात्रा कर सकते हैं। अगर बुकिंग बढ़ेगी तो ट्रेन के डिब्बे भी बढ़ाए जाएंगे। दिल्ली से जब यह ट्रेन देहरादून के लिए रवाना होगी तो करीब 110 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से दौड़ेगी। जबकि, इसकी औसत गति 63.41 किमी प्रति घंटा तय की गई है।

आज से शुरू हो रही वंदे भारत एक्सप्रेस आगामी 28 मई से विधिवत रूप से देहरादून से दिल्ली और दिल्ली से देहरादून के बीच चलेगी। फिलहाल इस ट्रेन में 8 कोच लगाए गए हैं। जिममें 570 यात्री एक साथ यात्रा कर सकते हैं। अगर बुकिंग बढ़ेगी तो ट्रेन के डिब्बे भी बढ़ाए जाएंगे। दिल्ली से जब यह ट्रेन देहरादून के लिए रवाना होगी तो करीब 110 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से दौड़ेगी। जबकि, इसकी औसत गति 63.41 किमी प्रति घंटा तय की गई है।

वर्तमान में दिल्ली से देहरादून और देहरादून से दिल्ली शताब्दी एक्सप्रेस करीब 5 घंटे 40 मिनट में पहुंचाती है। जबकि, यह ट्रेन 4 घंटे 40 मिनट में दिल्ली पहुंचेगी। ट्रेन सुबह 7 बजे देहरादून से दिल्ली के लिए रवाना होगी और देहरादून-हरिद्वार-रुड़की-सहारनपुर-मुजफ्फरनगर-मेरठ से होते हुए 11.45 बजे दिल्ली के आनंद विहार स्टेशन पहुंचेगी।

देहरादून से हरिद्वार तक यह ट्रेन करीब 60 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलेगी। ऐसा सर्वोच्च न्यायालय के दिशा-निर्देशों के कारण है। क्योंकि राजाजी नेशनल पार्क में जंगली जानवरों का बसेरा है। कई बार ट्रेन की चपेट में आकर हाथी सहित अन्य जीव जंतु मारे जाते हैं। इसलिए रेल मंत्रालय ने यहां सभी ट्रेनों की गति को सीमित किया है।

यह ट्रेन यात्रियों को गेट के अंदर दाखिल होते ही हवाई जहाज जैसा अनुभव देती है। शानदार कूलिंग और अत्याधुनिक दरवाजों के साथ आरामदायक सीटों सहित सफाई इस ट्रेन की सबसे बड़ी खासियत है। खाने-पीने का सामान अन्य ट्रेनों के सापेक्ष इसमें और ज्यादा बेहतर गुणवत्ता से भरपूर मिलेगा। ट्रेन की गति कितनी भी हो आपको अंदर बैठे हुए इस बात का जरा भी एहसास नहीं होगा कि ट्रेन की गति 100 किमी प्रति घंटा से ऊपर है। ट्रेन के हर कोच में 8 सीसीटीवी लगाए गए हैं, जो यात्रियों को चारों ओर से कवर करेंगे।

वंदे भारत में हर सीट के नीचे मोबाइल और लैपटॉप चार्जिंग की सुविधा दी गई है। इतना ही नहीं जिस तरह से प्लेन में 2 क्रू मेंबर आगे और 2 क्रू मेंबर पीछे रहते हैं, उसी तरह से 22 कर्मचारी डिब्बे के दोनों हिस्सों में आपको बैठे नजर आएंगे। जिनका बकायदा एक ड्रेस कोड होगा। बटन दबाने पर आपके पास खाने पीने के सामान और जरूरी जानकारी सीट पर बैठे ही मिल जाएगी।

अमूमन दूसरी ट्रेनों में इमरजेंसी के दौरान चेन खींचकर ट्रेन को रोका जाता था, लेकिन इस ट्रेन में चेन नहीं, बल्कि एक बटन की सुविधा दी गई है। यह बटन आपातकालीन परिस्थितियों में काम करेगा। हालांकि, कोई भी यात्री इस बटन का इस्तेमाल नहीं कर सकता। बटन दबाने के बाद उसका सिग्नल लोको पायलट के पास जाएगा और लोको पायलट ही उस यात्री के कहने पर ट्रेन रोक सकता है।

अन्य ट्रेनों में अगर आप पानी का गिलास या खाने पीने का सामान खिड़की के आसपास या अपनी सीट पर रखते हैं तो हो सकता है, वो हिलने डुलने से नीचे गिर जाए, लेकिन इस ट्रेन का बैलेंस कुछ इस तरह से किया गया है कि खराब से खराब ट्रैक पर या तेज गति में भी पानी का एक गिलास भी नहीं गिरेगा। आपको यह एहसास नहीं होगा कि आपकी गाड़ी हिचकोले खा रही है।

वंदे भारत ट्रेन में बीड़ी सिगरेट कोच के साथ ही टॉयलेट में जाकर भी नहीं पी सकते। यहां सिगरेट सुलगाने पर यात्री मुसीबत में पड़ सकते हैं। पूरी ट्रेन में इस तरह के अलार्म सिस्टम लगाए गए हैं कि अगर आपने टॉयलेट का दरवाजा बंद करके सिगरेट पीने की कोशिश की तो अलार्म बजने लगेगा। ट्रेन में मौजूद सुरक्षाकर्मी या दूसरा स्टाफ आप पर जुर्माना लगा सकता है। इसलिए इस ट्रेन में आप सिगरेट पीने की तो बिल्कुल न सोचें।

ट्रेन के मुख्य गेटों को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि आप चलती हुई गाड़ी में इसे खोल नहीं सकते। साथ ही खुद बंद भी नहीं कर सकते। जब तक लोको पायलट और ट्रेन में बैठे दूसरा स्टाफ गेट को कमांड नहीं देगा, तब तक न तो अंदर से और न ही बाहर से कोई उस गेट को खोल सकता है।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button