उत्तराखंड

पिरान कलियर : दरगाह साबिर पाक की साबरी जमा मस्जिद में पूरी अकीदत से अदा की गई अलविदा जुमे की नमाज..

 

 

हरिद्वार/पिरानकलियर:(ज़ीशान मलिक) अलविदा की नमाज पूरे जिले में पूरी अकीदत के साथ अदा की गई. मस्जिदों में मुल्क में अमन चैन और खुशहाली की दुआ की.हर तरफ खुशनुमा माहौल नजर आया.बच्चे, बूढ़े, जवान सभी के चेहरे पर पाकीजगी की चमक दमक रही थी.इस पाक रमज़न मे रोजे रखने वालों की खुशियों का ठिकाना नहीं रहा.आखिर उन्हें रमज़ान के बाद ईद का नायाब तोहफा जो मिलने जा रहा था.ऐसे में हर अख्श पर रुहानी दमक साफ झलक रही थी.सिर्फ सुन्नी समुदाय ने ही नहीं शिया समुदाय ने भी शुक्रवार को अलविदा जुमा की नमाज अदा की.

जिले भर की मस्जिदों में शुक्रवार को पूरी अकीदत और एहतेराम के साथ अलविदा जुमा की नमाज अदा की गई.इमाम साहब ने खुत्बा और तकरीर में अलविदा जुमें की अहमियत समझाई.ईद को रमजान का तोहफा बताया. साथ ही बताया क्या होती है.अलविदा जुमे की नमाज़ के बारे में बताया अलविदा से तात्पर्य है. किसी चीज के रुखसत होने का, यानी रमजान हमसे रुखसत हो रहा है.इसलिए इस मौके पर जुमे में अल्लाह से खास दुआ की जाती है कि आने वाला रमजान हम सब को नसीब हो.रमजान की बरकतें व रहमतें हर महीनों से ज्यादा होती हैं. वैसे तो इस्लाम में हर नमाज और हर जुमे की अहमियत है, लेकिन रमजान का आखिरी जुमा खास ही होता है. इस पाक महीने के 30 दिन खत्म होने के बाद ईद उल फितर का त्योहार बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है.

 

 

अलविदा जुमा को लेकर शुक्रवार को सुबह से ही चारों तरफ रौनक दिखी. नमाज अदा करने के लिए नमाज़ियों का हुजूम सज-धज कर वक्त से पहले ही निकल चुका था.कुर्ता-पजामा, सिर पर सफेद टोपी,नमाज का वक्त होने को आया तो मस्जिदों के इर्द-गिर्द मस्जिदों से लेकर सीढि़यों, छतों पर लोगों ने नमाज अदा की.तल्ख धूप के मद्देनजर मस्जिदों के आस पास खास इंतजाम किए गए थे. कई जगह शामियाना लगा नजर आया।

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