उत्तराखंडहल्ला बोल

उत्तराखंड में बड़े भूकंप की आशंका! प्रो. वाईपी ने सरकारों को चेताया

प्रदेश में 1803 से लेकर अभीतक नहीं आया कोई बड़ा भूकंप

पिछले 200 साल से नहीं आया कोई बड़ा भूकंप

श्रीनगर: उत्तराखंड के कई इलाकों में शनिवार को भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। इस भूकंप की तीव्रता 4.8 मैग्नीट्यूड दर्ज की गई है। भूकंप का केंद्र चमोली जिले में था। हालांकि इस भूकंप से किसी भी तरह के जानमाल का नुकसान नहीं हुआ है।लेकिन उत्तराखंड में कभी भी बड़ा भूकंप आ सकता है, जो विनाशकारी साबित होगा।

भूगर्भ वैज्ञानिकों की मानें तो उत्तराखंड में बड़े भूकंप की आशंका बनी हुई है। क्योंकि यहां पर पिछले 200 साल से कोई बड़ा भूकंप नहीं आया है। इस कारण इस क्षेत्र में जमीन के नीचे काफी ऊर्जा जमा हो रही है, जो कभी भी लावा बनकर फूटेगी। मतलब वो भूकंप उत्तराखंड के लिए विनाशकारी साबित होगा। बता दें कि वैसे भी उत्तराखंड भूकंप के लिहाज से जोन पांच में आता है।

हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय गढ़वाल विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक प्रो. वाईपी सुंदरियाल की मानें तो हर 100 साल में एक बार 7.5 मैग्नीट्यूड का भूकंप आना जरूरी है। ताकि जमीन की एकत्र हुई ऊर्जा रिलीव हो सके। ऐसा नहीं होने पर छोटे-छोटे भूकंप आते रहते हैं और धरती के अंदर बड़ी-बड़ी दरारों को उत्पन्न करते हैं, जो ज्यादा खतरनाक होते जा रहे हैं।

प्रो. वाईपी सुंदरियाल ने बताया कि इन छोटे-छोटे भूकंप की वजह से पहाड़ अपने स्थान से उठ रहे हैं और धरती नीचे की तरफ जा रही है, जो अच्छा संकेत नहीं है। प्रो. सुंदरियाल ने बताया कि प्रदेश में 1803 से लेकर अभीतक कोई बड़ा भूकंप नहीं आया है। 1803 में 7.5 मैग्नीट्यूड का भूकंप इस क्षेत्र में आया था। इसके बाद साल 1991 और 99 में 6 मैग्नीट्यूड के भूकंप इस क्षेत्र में आये थे। इस क्षेत्र में जमीन के नीचे ऊर्चा को बैलेंस करने के लिए 100 साल में एक बार 7 मैग्नीट्यूड का भूकंप आना जरूरी है।

प्रो. वाईपी सुंदरियाल ने ये भी बताया कि इंडियन प्लेट और एशिया प्लेट में टकराव के कारण इंडियन प्लेट एशिया प्लेट के नीचे जा धंसी है। इस कारण हिमालय, छोटे पर्वत और छोटी चोटियां साल दर साल ऊंची उठ रही हैं। इसका कारण छोटे-छोटे भूकंप ही हैं।
प्रो. वाईपी सुंदरियाल ने बताया कि उत्तराखड के लिए खतरे की बात ये भी है कि नॉर्थ अल्मोड़ा थ्रस्ट और अलकनन्दा फॉल्ट में भूगर्भीय हलचल से हर साल चार मिमी धरती अपने स्थान से हट रही है। उन्होंने इसे भी खतरे की घंटी बताया है। प्रो. वाईपी सुंदरियाल ने सरकारों को चेताया है कि अगर भवन निर्माणों में आधुनिकता का इस्तेमाल नहीं करेंगी तो भूकंप से बड़े जानमाल का खतरा है।
उन्होंने जापान का उदाहरण देते हुए बताया कि वहां भूकंप रोधी इमारतें बनाई जा रही हैं, जिसका अनुसरण करना जरूरी है। लेकिन सरकार और सरकारी तंत्र जिस प्रकार से निर्माण कार्यों में अनियोजित तरीके से लापरवाही बरत रहे हैं, ये भविष्य के लिए बहुत बड़ा खतरा बन सकती है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button