उत्तराखंड

रहने का कहीं ठिकाना नहीं! ऐसे में अब कहां जाएंगे नगीना कॉलोनी वासी?

विधायक जी हमारी भी सूनो! 40 वर्षों से अधिक समय से वह लोग नगीना कॉलोनी में रह रहे हैं, इस कॉलोनी के अलावा उनके पास कहीं भी रहने का ठिकाना नहीं है, ऐसे में वह अब कहां जाएंगे।

विधायक जी हमारी भी सूनो

लालकुआ से मुकेश कुमार की रिपोर्ट: रेल प्रशासन द्वारा नगीना कॉलोनी को उजाड़ने के लिए 15 दिन का नोटिस चस्पा करने के बाद कॉलोनीवासी आज प्रातः क्षेत्रीय विधायक डॉ मोहन सिंह बिष्ट के घर पहुंचे और उन्होंने विधायक आवास में धरना शुरू कर दिया।

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कॉलोनीवासियों का कहना है कि, जब तक रेल विभाग नगीना कॉलोनी को उजाड़ने का निर्णय वापस नहीं लेता तब तक वह अपना आंदोलन जारी रखेंगे। कॉलोनीवासियों ने कहा कि 40 वर्षों से अधिक समय से वह लोग नगीना कॉलोनी में रह रहे हैं, इस कॉलोनी के अलावा उनके पास कहीं भी रहने का ठिकाना नहीं है, ऐसे में वह अब कहां जाएंगे।

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विदित रहे कि नगीना कॉलोनी में अधिकांश लोग मजदूर तबके के निवास करते है। जिस समय रेलवे ने नोटिस चस्पा किया उस दौरान अधिकांश पति पत्नी मजदूरी में गए हुए थे, जो कि शाम को 6 बजे अपने घर पहुंचे तो उन्हें रेलवे की कार्रवाई का पता चला, कॉलोनीवासियों का कहना है कि जब तक रेल प्रबंधन उनकी कॉलोनी को उजाड़ने का निर्णय वापस नहीं ले लेता तब तक वह लोग अपना आंदोलन जारी रखेंगे।

विधायक डॉ मोहन बिष्ट ने उनके आवास में पहुंचे कॉलोनी वासियों से बातचीत करते हुए कहा कि वह मंडल रेल प्रबंधक समेत रेल विभाग के तमाम वरिष्ठ अधिकारियों एवं केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट से वार्ता कर नगीना कॉलोनी क्षेत्र में कम से कम नुकसान करने का आह्वान करेंगे। विधायक आवास में पिछले 2 घंटे से नगीना कॉलोनी वासियों का धरना जारी है।

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