उत्तराखंड

उत्तराखंड सरकार पुरानी पेंशन‌ बहाली के मुद्दे को केन्द्र सरकार के पाले में.

उत्तराखंड सरकार पुरानी पेंशन‌ बहाली के मुद्दे को केन्द्र सरकार के पाले में डाल अपना पल्ला झाड़ने की तैयारी में, एनपीएस कार्मिकों में आक्रोश

देहरादून से सुभानी की रिपोर्ट: उत्तराखंड सरकार पुरानी पेंशन‌ बहाली के मुद्दे को केन्द्र सरकार के पाले में डाल अपना पल्ला झाड़ने की तैयारी में, एनपीएस कार्मिकों में आक्रोश है।

राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के लगातार चल रहे आंदोलन के बीच सरकार की ओर से पुरानी पेंशन पर केंद्र को प्रस्ताव भेजे जाने के बयान को संयुक्त मोर्चे के सदस्यों व पदाधिकारियों की तीखी प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ा है।

मोर्चे के सदस्यों व पदाधिकारियों का कहना है विगत 15 नवम्बर से पूर्व तक सरकार के समक्ष शत्रुघ्न सिंह की समिति को दिए गए रिप्रजेंटेशन के बाद सरकार के समक्ष स्पष्ट कर दिया गया था कि पेंशन राज्य का मामला है न कि केंद्र का । परन्तु 15 नवम्बर के बाद से सरकार केंद्र को पत्र लिखने की बात कर रही है। जोकि मात्र कर्मचारियो को मूर्ख बनाने व बरगलाने का तरीका है।

मोर्चे के अध्यक्ष अनिल बडोनी ने कहा कि विगत 16 सालों से सरकारो ने पुरानी पेंशन के मुद्दे को गंभीरता से नही लिया है जिसके कारण निरन्तर सत्ता में बदलाव देखने को मिल रहा है कही ऐसा न हो कि सरकार से कर्मचारियो का मोहभंग हो जाय। किसी भी हालत में पुरानी पेंशन को केंद्र व राज्य के बीच फुटबॉल नही बनने दिया जाएगा। सरकार टालमटोली छोड़ शीघ्र पुरानी पेंशन पर निर्णय करे।

मोर्चे के महासचिव सीताराम पोखरियाल ने कहा कि 15 नवम्बर से पहले तक सरकार इस पर सकारात्मक आश्वासन दे रही थी भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने भी इस पर सरकार को आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए थे परंतु 15 नवम्बर के बाद ऐसा क्या हुआ कि सरकार पूरी तरह से मुद्दे को केंद्र के पाले में डालने लगी है।सरकार संयुक्त मोर्चे के वर्षों से चले दिनरात सँघर्ष को सरकार हल्के में न ले यह मामला 80 हज़ार कार्मिकों और उन लाखों परिवारों का है जिनका आने वाला भविष्य पुरानी पेंशन से जुड़ा है।

प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ० डी० सी० पसबोला ने कहा कि ये कैसी विडंबना है कि सरकार को कर्मचारियो के भविष्य के मुद्दे को लेकर कोई चिंता ही नही है वे इस प्रकार से इस पर खेल खेल रहे हैं जैसे ये कोई राजनीतिक मसला हो। सरकार को समझना चाहिए कि कार्मिक का घर परिवार का भविष्य इसी पेंशन बहाली पर टिका है।

गढ़वाल मंडल महासचिव नरेश भट्ट ने कहा कि यब दुखद है कि सरकार के मन में कर्मचारियो की पुरानी पेंशन बहाली को लेकर खोट है। लेकिन कर्मचारी अब आर पार के सँघर्ष को तैयार है । यदि इस पर शीघ्र निर्णय नही हुआ तो परिणाम घातक हो सकते हैं। सरकार जल्द पुरानी पेंशन बहाल करे अन्यथा अब मात्र आन्दोलन ही रास्ता रह गया है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button