उत्तराखंडराजनीति

वेतन विसंगति समिति के सामने सूचना कर्मचारियों ने रखा अपना पक्ष

ब्यूरो रिपोर्ट: उत्तराखण्ड सूचना कर्मचारी संघ ने सूचना कर्मचारियों की वेतन विसंगति का मामला वेतन विसंगति समिति के सामने रखा। संघ के पदाधिकारियों ने विसंगतियों का ठोस समाधान करने का आग्रह समिति से किया है। वेतन विसंगति समिति के अध्यक्ष शत्रुघ्न सिंह, सदस्य सचिव गंगा प्रसाद व समिति के सदस्यों ने संघ की मांगों पर कार्यवाही के लिए सकारात्मक आश्वासन दिया है।

संगठन के प्रतिनिधिमंडल ने सूचना विभाग के जिला सूचना अधिकारियों, अतिरिक्त जिला सूचना अधिकारी, सहायक लेखाकार, अनुवादक, लेखा संवर्ग व सरंक्षक कम डाटा एंट्री आपरेटर आदि संवर्गों की वेतन विसंगति के प्रकरणों से संबंधित तथ्यों से समिति को अवगत कराया।

पदाधिकारियों ने कहा कि अन्य विभागों के समान स्तर, शौक्षिक योग्यता, कार्य प्रवित्त वाले पदों व संवर्गों की तुलना में सूचना कर्मियों के विभिन्न संवर्गों के वेतनमान के उच्चीकरण, पदोन्नतियों की विसंगतियों व एसीपी का लाभ स्वीकृति के मामले में भेदभाव किया जाता रहा है। जबकि, ऐसे लाभ अन्य विभागों में स्वीकृत करने के कई उदाहरण मौजूद हैं।

संगठन ने वेतन विसंगति समिति के समक्ष अन्य विभागों व संवर्गों के उदाहरण प्रस्तुत करते हुए विसंगतियों का प्रभावी समाधान करने की मांग की। उत्तराखण्ड सूचना कर्मचारी संघ के महामंत्री सुरेश चन्द्र भट्ट ने विभागीय पदधारक/संवर्ग सेसंबंधित मामलों को रखते हुए बताया कि वर्तमान में जिला सूचना अधिकारी/सूचना अधिकारी, अतिरिक्त जिला सूचना अधिकारी, अनुवादक व सरंक्षक कम डाटा एंट्री आपरेटर के पदधारकों में अन्य विभागों की अपेक्षा वेतन विसंगति है। इनके वेतनमान का उच्चीकरण किया जाना आवश्यक है।

संघ के सलाहकार व पूर्व महामंत्री केएस पंवार ने सूचना विभाग के लेखा संवर्ग के कार्मिकों को अन्य विभागों की भांति एसीपी का लाभ स्वीकृत न किए जाने के साथ ही सहायक लेखाकारों को 30 साल से अधिक की सेवा के बावजूद पदोन्नत न किए जाने का मामला उठाया। पंवार ने कहा कि उत्तर प्रदेश में लेखा संवर्ग के कार्मिकों को वर्ष 2008 से पदोन्नति का लाभ दिया जा चुका है। लेकिन, उत्तराखंड में आवंटित सहायक लेखाकारों को पदोन्नति से वंचित रखा गया है।

उन्होंने विभाग के विभिन्न संवर्गों के वेतनमानों को उच्चीकरण किए जाने के औचित्य के संबंध में भी समिति को अवगत कराया। समिति से वार्ता में संयुक्त मंत्री प्रशांत रावत ने संरक्षक कम डाटा एंट्री आपरेटरों के पदधारकों को वेतन लेवल में उच्चीकरण करने का मामला रखा। उन्होंने बताया कि संरक्षक कम डाटा एंट्रीआपरेटर को वर्तमान में लेवल-2 का वेतनमान दिया जा रहा है। जबकि, इस पदधारक की शैक्षिक योग्यता स्नातक निर्धारित है।

लिहाजा समान प्रवृत्ति के अन्य पदों/संवर्गों की तरह संरक्षकों को उच्च वेतनमान दिया जाना चाहिए। पंवार ने कहा कि उत्तर प्रदेश में लेखा संवर्ग के कार्मिकों को वर्ष 2008 से पदोन्नति का लाभ दिया जा चुका है। लेकिन, उत्तराखंड में आवंटित सहायक लेखाकारों को पदोन्नति से वंचित रखा गया है। उन्होंने विभाग के विभिन्न संवर्गों के वेतनमानों को उच्चीकरण किए जाने के औचित्य के संबंध में भी समिति को अवगत कराया। समिति से वार्ता में संयुक्त मंत्री प्रशांत रावत ने संरक्षक कम डाटा एंट्री आपरेटरों के पदधारकों को वेतन लेवल में उच्चीकरण करने का मामला रखा।

उन्होंने बताया कि संरक्षक कम डाटा एंट्रीआपरेटर को वर्तमान में लेवल-2 का वेतनमान दिया जा रहा है। जबकि, इस पदधारक की शैक्षिक योग्यता स्नातक निर्धारित है। लिहाजा समान प्रवृत्ति के अन्य पदों/संवर्गों की तरह संरक्षकों को उच्च वेतनमान दिया जाना चाहिए।

इस अवसर पर उत्तराखण्ड सूचना कर्मचारी संघ के अध्यक्ष  भुवन चन्द्र जोशी ने वेतन विसंगति समिति के अध्यक्ष व सदस्यों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि समिति की ओर से कर्मचारी संगठनों से वार्ता कर वेतन विसंगति के प्रकरणों के समाधान के लिए सकारात्मक पहल की गई।

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