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कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने विधानसभा अध्यक्ष को दी याचिका

देहरादून: नेता प्रतिपक्ष  प्रीतम सिंह  ने विधानसभा अध्यक्ष, उत्तराखंड विधानसभा को प्रेषित याचिका आज विधानसभा सचिव  मुकेश सिंघल के समक्ष प्रस्तुत कर पुरोला से कांग्रेस विधायक रहे  राजकुमार द्वारा दिनांक 12 सितंबर को स्वेच्छा से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की सदस्यता का परित्याग करने के फलस्वरूप विधानसभा (दल परिवर्तन के आधार पर निरहर्ता) नियमावली, 2005 सपठित भारतीय संविधान के अनुच्छेद 191(2) तथा साथ पढ़े जाने वाली दसवीं अनुसूची के प्रस्तर 2(1)(ए) के अधीन विधानसभा सदस्यता निर्हरित घोषित करने तथा याचिका पर निर्णय होने तक प्रत्यर्थी के विधानसभा की किसी भी प्रकार की कार्यवाही में भाग लेने पर प्रतिबंध अध्यारोपित करने का अनुरोध किया।

हाल ही में भाजपा में शामिल हुए पुरोला के विधायक राजकुमार और धनौल्टी के निर्दलीय विधायक प्रीतम पंवार की सदस्यता दल बदल निरोधी कानून के तहत जा सकती है, लेकिन इसके लिए विधानसभा अध्यक्ष को दल बदल करने वाले सदस्य के खिलाफ याचिका देनी होगी। कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने विधायक राजकुमार के मामले में विधानसभा अध्यक्ष को बुधवार को याचिका दे दी है।

आपको बता दें कि राजकुमार पुरोला विधानसभा से कांग्रेस के विधायक हैं। उन्होंने पिछले दिनों भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। उनसे पहले धनौल्टी विधानसभा से निर्दलीय विधायक प्रीतम पंवार भाजपा में शामिल हुए। अब दोनों विधायकों पर दल बदल निरोधक कानून की तलवार लटक गई है। कानून के तहत किसी दल के निर्वाचित सदस्यों में से दो तिहाई से कम सदस्य यदि किसी दल में शामिल होते हैं या अलग दल बनाते हैं तो वे अयोग्य घोषित हो जाएंगे।
दल बदल विरोधी कानून में ये हैं प्रावधान

  • एक चुना हुआ सदस्य किसी राजनीतिक दल की सदस्यता छोड़ दे।
  • कोई निर्दलीय सदस्य किसी राजनीतिक दल में शामिल हो जाए।
  • किसी सदस्य द्वारा पार्टी के व्हीप के विपरीत वोट दिया जाए।
  • कोई सदस्य स्वयं को वोटिंग से अलग रखे।
  • छह महीने की समाप्ति के बाद कोई मनोनीत सदस्य किसी राजनीतिक दल में शामिल हो।

अध्यक्ष को है अयोग्य घोषित करने की शक्ति
विधानसभा अध्यक्ष को ही दल बदल विरोधी कानून के तहत किसी सदस्य की सदस्यता को अयोग्य घोषित करने की शक्ति है। मैं कुछ समय पहले दिल्ली और फिर परिवर्तन यात्रा में व्यस्त रहा। इसलिए इस संबंध में कार्रवाई नहीं की जा सकी। विधायक राजकुमार की वर्तमान विधानसभा सदस्यता समाप्त करने को लेकर विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात की है। उनसे आग्रह किया है कि इन्हें आगामी विधानसभा चुनाव के लिए भी अयोग्य घोषित किया जाए। – प्रीतम सिंह, नेता प्रतिपक्ष, कांग्रेस

ऐसा कोई नियम नहीं है कि विधानसभा स्वत: संज्ञान ले। ऐसे मामलों में पार्टी विशेष या किसी विधानसभा सदस्य की ओर से याचिका (शिकायत) दाखिल करने के बाद परीक्षण की कार्रवाई की जाती है। इसके बाद ही कोई निर्णय लिया जाता है। परीक्षण की कोई समय सीमा भी निर्धारित नहीं है। विधायक राजकुमार या विधायक प्रीतम पंवार के मामले में अभी तक कोई याचिका प्राप्त नहीं हुई है। – प्रेमचंद अग्रवाल, विधानसभा अध्यक्ष

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