
डोईवाला से जावेद हुसैन की रिपोर्ट: भारतीय वेद किस प्रकार इस दुनिया में शांति का आधार बन सकते हैं इसी विषय को लेकर ‘वेद एवं विश्व शांति’ विषय पर अंतरराष्ट्रीय वेबीनार का आयोजन किया गया . पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक की किताब “वैल्यू-बेस्ड एजुकेशन – ए ग्लोबल पर्सपेक्टिव फॉर वर्ल्ड पीस ” का भी इस अवसर पर विमोचन किया गया।
इस अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार में आध्यात्मिक गुरु और श्री सत्य साईं विश्वविद्यालय के संस्थापक सद्गुरु श्री मधुसूदन साईं ने मुख्य रूप से भाग लिया उन्होंने इस कार्यक्रम में डॉ निशंक की किताब का विमोचन किया । सद्गुरु श्री मधुसूदन साईं ने इस अवसर पर इस प्रकार के सकारात्मक आयोजन के लिए ख़ुशी जाहिर की उन्होंने कहा की सारे विश्व को समझना होगा कि सभी में एक ही आत्मा का वास है साड़ी पृथ्वी एक परिवार है। उन्होंने कहा की वेदों का सभी भाषाओँ में अनुवाद होना चाहिए ताकि भारतीय संस्कृति के आधार वेद सारी दुनिया तक शांति का प्रसार कर सके।
इस अवसर पर पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ. निशंक ने अपनी पुस्तक वैल्यू-बेस्ड एजुकेशन – ए ग्लोबल पर्सपेक्टिव फॉर वर्ल्ड पीस के बारे में कहा कि आज हम अस्तित्वगत खतरों की एक जटिल समस्या का सामना कर रहे हैं। जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद, धार्मिक संघर्ष, सुरक्षात्मक शासन कोरोना वायरस, साइबर युद्ध के उभरते खतरे के लिए परमाणु हथियार, राजनीतिक और धार्मिक तनाव जो हमें इतनी गहराई से विभाजित करते हैं और यह पूरी तरह से स्पष्ट हो गया है कि, इन चुनौतियों का समाधान करने के लिए, हमें नए ज्ञान की आवश्यकता है – गहन ज्ञान और वह ज्ञान केवल वेदों से ही आ सकता है।
विश्वव्यापी महर्षि अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के अध्यक्ष डॉ. टोनी नाडर ने भी इस कार्यक्रम के में भाग लिया। सभी देशों से जुड़े विशेषज्ञों ने इस तरह के कार्यक्रम को पुरे विश्व के लिए एक सकारत्मक सन्देश के रूप में महत्वपूर्ण कदम बताया और इस प्रकार के और भी आयोजनों को समय समय पर करने का भी प्रस्ताव रखा । इस कार्यक्रम का संयोजन डॉ. राजेश नैथानी ने किया उन्होंने कहा कि भारत के पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल “निशंक” ने अपनी पुस्तक वैल्यू-बेस्ड एजुकेशन – ए ग्लोबल पर्सपेक्टिव फॉर वर्ल्ड पीस के प्रकाशन के साथ दुनिया की बहुत बड़ी सेवा की है।
भुवना संथानम ने कार्यक्रम संचालन किया विश्व शांति के लिए इस प्रकार के आयोजन को आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य वैदिक भारत को फिर से स्थापित करना और जीवन के विभिन्न पहलुओं में वेद की शक्ति और इसके वैज्ञानिक अनुप्रयोग की घोषणा करने के लिए एक अनूठा वातावरण बनाना है। उपेन्द्र त्रिपाठी समन्वयक वेद विज्ञान केंद्र बनारस ने कहा कि वेद के बहाई शांति की कल्पना करना व्यर्थ है. इस अवसर पर उपेन्द्र त्रिपाठी ने बी॰एच॰यू॰ में हो रहे शोध कार्यों की जानकारी भी दी. अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के उपाध्यक्ष प्रो एम पी पुनिया ने बताया कि वेद आधारित प्रौद्योगिकी का हम हर क्षेत्र में उपयोग कर सकते हैं।
इस अवसर पर औरोबिन्दो सॉसाययटी के निदेशक संभ्रांत शर्मा ने मूल्य आधारित शिक्षा की आवश्यकता पर बल दिया तथा ब्रह्माकुमारी संस्था की बहन शिविका ने वेद के शोध पर बल दिया। अन्य गणमान्य लोगों में नेहरू सेंटर लंदन के निदेशक और लेखक अमीश त्रिपाठी ,पद्म भूषण डॉ अनिल प्रकाश जोशी महर्षि विश्वविद्यालय होलेंड से डॉ राजा लुइस , डॉ देवी प्रसाद त्रिपाठी मौजूद रहे . सभी लोगों ने वेद और भारतीय दर्शन को विश्व शांति का द्योतक बताया।