
घर वापसी की अटकलों को हरक ने नकारा, कही बड़ी बात…
देहरादून: कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने घर वापसी की अटकलों को नकारते हुए कहा कि उनकी न तो किसी से कोई नाराजगी है और न ही वह कांग्रेस के किसी नेता के संपर्क में हैं। विधायक उमेश शर्मा काऊ की नाराजगी पर उन्होंने कहा कि वो उनके भाई और भाजपा के विधायक हैं। उनको यदि कोई दिक्कत होती है तो मदद करना उनकी नैतिक जिम्मेदारी है। इसी जिम्मेदारी को निभाते हुए उनकी बात मुख्यमंत्री और पार्टी हाईकमान के सामने रखी।
डॉ. हरक सिंह रावत मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ सिडकुल स्थित ईएसआई अस्पताल के साइड निरीक्षण समारोह में शामिल होने पहुंचे थे। डॉ. हरक रावत ने कहा कि उमेश शर्मा उनके अनुरोध पर ही कांग्रेस से भाजपा में आए थे। इसलिए उनकी उपेक्षा नहीं होनी चाहिए। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल के बयान के बाबत पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि उनका फिलहाल किसी से कोई संपर्क नहीं है। वह सिर्फ जनता के लिए काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि वह भविष्य में चुनाव लड़ने के बहुत इच्छुक नहीं हैं। यूपी से लेकर उत्तराखंड में 30 साल से मंत्री और विधायक के रूप में राजनीति कर रहा हूं। उस वक्त मदन कौशिक कुछ भी नहीं थे। हर चीज की उम्र होती है। यह लंबा समय है। अब नए लोगों को मौका मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि 2012 में भी उन्होंने चुनाव न लड़ने की इच्छा जताई थी। लेकिन पार्टी के निर्देश पर चुनाव लड़ा। कई बार अपनी इच्छा न होते हुए पार्टी और समाज के लिए लड़ना पड़ता है।
चुनाव की आहट के साथ भाजपा में असंतोष बढ़ता जा रहा है। रायपुर क्षेत्र में पार्टी पदाधिकारियों और विधायक उमेश शर्मा के बीच खुली लड़ाई चल रही है। आरोप-प्रत्यारोप के बीच दोनों पक्षों के बीच कई बार सार्वजनिक रूप से विवाद हो चुका है। अभी संगठन इसे मैनेज कर ही रहा था कि धर्मपुर में नया विवाद हो गया है। शुक्रवार को श्यामा प्रसाद मुखर्जी मंडल अध्यक्ष पूनम ममगाईं, महामंत्री जितेंद्र रावत, उपाध्यक्ष अनुज वालिया समेत कई पदाधिकारियों ने इस्तीफा दे दिया।
अगर मंडल अध्यक्ष व अन्य पदाधिकारियों ने कोई आरोप लगाए हैं तो पार्टी उसकी जांच करेगी। पार्टी के पास अपना मजबूत तंत्र है, वो इसकी निष्पक्ष और बिना किसी से प्रभावित हुए जांच कर सकती है। अगर मैं दोषी हूं तो मेरे खिलाफ कार्रवाई की जाए। मैंने अपना पूरा जीवन पार्टी की सेवा में लगाया है। मैं पार्टी का मैं पार्टी का कार्यकर्ता हूं। मैंने अपना पूरा जीवन संगठन की सेवा में लगाया है। -विनोद चमोली, विधायक, धर्मपुरमेरे पास किसी भी पदाधिकारी का इस्तीफा नहीं पहुंचा है। ना ही मुझे किसी पदाधिकारी के इस्तीफा देने की जानकारी है। जब तक मुझे इस्तीफा नहीं मिलता मैं कुछ नहीं कह सकता। यह बात पूरी तरह गलत है कि कोई इस्तीफा दे रहा है। – सीताराम भट्ट, महानगर अध्यक्ष