
नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह का बयान आया था कि उनकी सरकार में जिन्हें जिम्मेदारी दी जाती है। उन्हें बदला नहीं जाता और मंत्रियों को बदलने का काम यूपीए सरकार के दौरान होता था। एनडीए में नहीं बहरहाल पिछले 6 महीने में नरेंद्र मोदी सरकार ने अपने दर्जनों मंत्रियों की छुट्टी कर स्पष्ट कर दिया है कि आज भारतीय जनता पार्टी पूरी तरह से बैकफुट पर है।
6 महीने में पांच मुख्यमंत्री बदलना इस बात की पुष्टि करता है कि भारतीय जनता पार्टी की जमीन लगातार खिसक रही है। संघ के सर्वे से लेकर सरकार के सर्वे ने सरकार की नींद उड़ा दी है। कल गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी को हटा दिया गया।
वहीं अभी नए नेता का चयन होना है। इससे पहले येदियुरप्पा हटाए गए उनसे पहले तीरथ सिंह रावत की छुट्टी हुई तीरथ सिंह से पहले त्रिवेंद्र रावत हटाए गए और सर्बानंद सोनोवाल की भी सरकार वापस लाने के बावजूद छुट्टी कर दी गई।
उत्तराखंड के परिप्रेक्ष्य में देखा जाए तो उत्तराखंड के लोगों ने भारतीय जनता पार्टी को 70 में से 57 सीटें देकर ऐसा प्रचंड बहुमत दिया था जो इससे पहले कभी नहीं देखा गया। इसके बावजूद भारतीय जनता पार्टी ने अपनी नाकामी का ठीकरा पहले त्रिवेंद्र रावत को हटाकर तीरथ सिंह को और फिर तीरथ सिंह को हटाकर पुष्कर सिंह धामी को उत्तराखंड का मुख्यमंत्री बनाया है।
इस पूरे प्रकरण को इस अंदाज में समझा जा सकता है कि जिस सरकार को आम जनमानस को रोजगार देना था। बेरोजगारों के हितों की रक्षा करनी थी। वह अपने कार्यकर्ताओं को मुख्यमंत्री बनाने में लगे हुए हैं।