
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में अगले साल यानि 2022 में विधानसभा के चुनाव होने हैं सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने इसके लिए अभी से तैयारी भी शुरू कर दी है। दोनों ही राज्यों में सत्तारूढ़ बीजेपी 2017 के चुनाव परिणाम दोहराने का दावा कर रही है। लेकिन चुनावी राह इतनी आसान नहीं होगी।
विधानसभा चुनाव से पहले उत्तराखंड में सियासी दल-बदल की कवायद जारी है। उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव में छह महीने का वक्त बचा है। इस बीच कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा के पहले चरण के तुरंत बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल का एक बयान चर्चा में है। दरअसल, गणेश गोदियाल ने 35 से 37
टिकट तय होने का बयान दिया है जिसने अब तूल पकड़ ली
है।
दरअसल चुनाव के दौरान नामांकन की अंतिम तिथि तक टिकट को लेकर पत्ते खोलने से गुरेज करने वाली प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस के प्रदेश मुखिया का समय से पहले दिए गए बयान के सियासी निहितार्थ तलाशे जाने लगे हैं। इसकी वजह भी है। यह चुनाव कांग्रेस और पूर्व मुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत के लिए अस्तित्व की लड़ाई बन चुका है।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल के 35 से 37 टिकट तय होने का बयान दिया है। हालांकि इस बयान का पार्टी के भीतर ही विरोध भी हुआ। नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह इस बयान पर आपत्ति करते हुए टिकट को लेकर चर्चा होने से ही इन्कार कर चुके हैं। इसके बाद गोदियाल ने भी अपने रुख से पलटते हुए यह
कहने में देर नहीं लगाई कि अभी टिकट तय होने में देर है।
मीडिया के पूछने पर गोदियाल के इस बयान पर नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि उन्हें भी अखबारों से ही टिकटों के तय होने की जानकारी मिली। बकौल प्रीतम, अभी ऐसा कुछ नहीं है। अभी से किसी के टिकट तय नहीं हुए।