
उत्तराखंड में भाजपा और कांग्रेस लगातार एक के बाद एक सरकार बनाती आई है, लेकिन इस बार चुनाव में थोड़ा ट्विस्ट है। इस बार आम आदमी पार्टी भी चुनावी मैदान में खड़ी है। आम आदमी पार्टी इस चुनावी चौसर में भाजपा और कांग्रेस से एक कदम आगे हैं।
तो वहीं दूसरी ओर उत्तराखंड में राजनीति को लेकर चर्चाचाओं का बाजार गर्म है। राजनीति में घमासान मचा हुआ है। अभी शनिवार को रायपुर में बीजेपी के विधायक उमेश शर्मा काऊ और बीजेपी कार्यकर्ता मंत्री धन सिंह रावत के सामने ही मुख्यमंत्री के कार्यञ में आपस मे भिड़ गए तो आज रुड़की में मंत्री यतीश्वरानंद के सामने मेयर गौरव गोयल और विधायक देशराज कर्णवाल के समर्थन में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने आपस में कार्यक्रम में ही हल्का किया।
बीजेपी पार्षद व बीजपी जिलाध्यक्ष भी मेयर व विधायक के समर्थन में भिड़े। मंत्री के सामने ही मेयर को पार्षद ने खरीखोटी सुनाई। तो कांग्रेस कहाँ पीछे रहने वाली थी, उधर रामनगर पहुंची कांग्रेस परिवर्तन यात्रा में पार्टी कार्यकर्ताओं की गुटबाजी खुलकर सामने आ गई। रामनगर में कोसी बाईपास पुल पर यात्रा के स्वागत के लिए दो पक्ष आमने-सामने आ गए।
कार्यकर्ताओं के एक-दूसरे के करीब पहुंचने पर धक्का-मुक्की होने लगी। पार्टी कार्यकर्ताओं में टकराव की स्थिति देख कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, कार्यकारी अध्यक्ष भुवन कापड़ी, पूर्व सीएम हरीश रावत के पुत्र आनंद रावत समेत कई बड़े नेता बीच-बचाव करने पहुंच गए।
रविवार को कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा कालाढूंगी से चलकर 12 बजे रामनगर पहुंचनी थी, कांग्रेस के एक गुट ने रंजीत रावत के नेतृत्व में परिवर्तन यात्रा का दाबका पुल पर स्वागत किया। दूसरा हरीश रावत पक्ष का गुट कोसी बाईपास पुल पर स्वागत के लिए खड़ा था। जैसे ही यात्रा पुल के करीब पहुंची तो कार्यकर्ता अपने-अपने नेताओं के पक्ष में नारेबाजी कर एक-दूसरे के करीब आने लगे।
फिर क्या था कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में धक्का मुक्की हो गई। यह देख आनंद रावत, जिला अध्यक्ष सतीश नैनवाल, प्रदेश अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह, कार्यकारी अध्यक्ष भुवन कापड़ी अपने वाहनों से उतरकर कार्यकर्ताओं के बीच पहुंच गए।
एक पक्ष का काफिला जाने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को जिप्सी पर सवार कर यात्रा निकाली गई। खुद हरीश रावत ने मंच से गुटबाजी को स्वीकार किया।
उन्होंने कहा कि गुटबाजी से काम नहीं चलने वाला, केंद्र व राज्य सरकार से लड़ने के लिए प्रत्येक कार्यकर्ता को एक होना पड़ेगा। हरीश रावत ने कार्यकर्ताओं को एकता का पाठ पढ़ाकर चुनाव जीत का संकल्प दोहराया। हरीश रावत यह भी बोली कि गुटों को गुटका बना देंगे।।